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Nobel Prize: वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार

दुनियाभर में भूखों और जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए मिला नोबेल प्राइज

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इस साल के नोबेल पीस प्राइज का ऐलान कर दिया गया है. इस साल ये सर्वोच्च शांति पुरस्कार किसी शख्स को नहीं मिला है, बल्कि इस बार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को दुनियाभर के तनावपूर्ण इलाकों में जरूरतमंद लोगों का पेट भरने और उनकी मदद करने के लिए नोबेल मिला है. बता दें कि ये संगठन संयुक्त राष्ट्र के तहत ही काम करता है.

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दुनियाभर में भूखों का भरा पेट

इस संगठन का काम है कि ये दुनियाभर में आपदा या फिर किसी कोरोना जैसी महामारी का शिकार हुए लोगों तक खाना पहुंचाता है. साथ ही वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ऐसी जगहों पर भी भूखों को खाना खिलाने के लिए जाता है, जहां पर काफी ज्यादा खतरा है.

क्योंकि आतंक के शिकार देश या फिर किसी कस्बे में सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोग होते हैं, जिन्हें जिंदा रहने के लिए दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता है. इस संगठन ने ऐसे ही इलाकों में काम किया. जिसके लिए अब उसे शांति पुरुस्कार दिया गया है.

केमेस्ट्री और साहित्य का नोबेल

इससे पहले कमिस्ट्री के नोबेल पुरुस्कार का ऐलान हुआ था. Emmanuelle Charpentier और Jennifer A. Doudna को संयुक्त तौर पर जिनोम एडिटिंग का नया तरीका ढूंढने के लिए ये प्राइज दिया गया. प्रेस रिलीज में बताया गया था है कि दोनों ने एक ऐसे टूल को डेवलप किया है जिसके जरिए जानवरों, पौधों और माइक्रो-ऑर्गेनिज्म के DNA में बेहद सटीक तरीके से बदलाव हो सकते हैं. इस टेक्नोलॉजी ने लाइफ साइंसेस पर बड़ा प्रभाव डाला है और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज, अनुवांशिक बीमारियों के इलाज में इससे काफी मदद मिल रही है.

वहीं इस साल के साहित्य नोबेल प्राइज का भी ऐलान हुआ था. जिसमें बताया गया कि 2020 का साहित्य का नोबेल प्राइज लुइस ग्लक को दिया गया है. द स्वीडिश अकादमी ने ग्लक को ये प्राइज 'उनकी अचूक पोएटिक आवाज' के लिए दिया है.

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