इन दिनों नोबेल पुरस्कारों की घोषणा हो रही है. सोमवार, 9 अक्टूबर को अर्थशास्त्र में भी नोबेल पुरस्कार की घोषणा हुई. अर्थशास्त्र में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर क्लाउडिया गोल्डिन (Prof Claudia Goldin) को ये पुरस्कार दिया गया है. श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी पर उनके काम के लिए उन्हें ये पुरस्कार दिया गया.
क्लाउडिया गोल्डिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं और 1989 से 2017 तक NBER के अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास कार्यक्रम की डायरेक्टर थीं. वह NBER के 'जेंडर इन द इकोनॉमी' समूह की को-डायरेक्टर भी हैं.
आर्थिक इतिहासकार और एक श्रम अर्थशास्त्री के रूप में गोल्डिन ने कई विषयों पर शोध किए हैं. इसमें महिला श्रम शक्ति, कमाई में लिंग अंतर, आय असमानता, तकनीकी परिवर्तन, शिक्षा और आप्रवासन जैसे कई विषय शामिल हैं.
उनके अधिकांश शोध में इतिहास की नजर से वर्तमान को देखने की कोशिश की गई है. शोध के माध्यम से उन्होंने वर्तमान की चुनौतियों को सबके सामने रखा है. उनकी सबसे हालिया किताब करियर एंड फैमिली: वीमेन्स सेंचुरी-लॉन्ग जर्नी टुवर्ड्स इक्विटी (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, 2021) है.
2022 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी अर्थशास्त्रियों डगलस डायमंड और फिलिप डायबविग के साथ-साथ पूर्व फेडरल रिजर्व प्रमुख बेन बर्नानके को मुश्किल समय में बैंकों पर शोध के लिए दिया गया था.
अर्धशास्त्र के नोबेल पुरस्कार में ज्यादातर अमेरिकियों का दबदबा रहा है. महिलाएं ये पुरस्कार केवल दो ही बार जीती हैं.
नर्गेस मोहम्मदी को मिला था नोबेल शांति पुरस्कार
पिछले हफ्ते नोबेल शांति पुरस्कार ईरानी अधिकारी कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को दिया गया था. इससे अलावा नॉर्वेजियन नाटककार जॉन फॉसे को साहित्य में नोबेल मिला. क्वांटम डॉट्स नाम के नैनो पार्टिकल्स पर काम के लिए मौंगी बावेंडी, लुईस ब्रूस और एलेक्सी एकिमोव को केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार मिला है.
मेडिसिन पुरस्कार, जिसकी घोषणा सबसे पहले की गई थी, कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन की जोड़ी को मिला. दोनों ने MRNA कोविड-19 वैक्सीन बनाने में अहम योगदान दिया था.
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