फिजियोलॉजी (Physiology), मेडिसिन (Medicine) में दो अमेरिकी वैज्ञानिकों- डेविड जूलियस और एर्डम पटापोशियन को संयुक्त रूप से "टेम्प्रेचर और टच ' के लिए "रिसेप्टर्स' की उनकी खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मनित किया गया है.
इन दोनों विजेताओं की खोज द्वारा यह समझाया गया की किस तरह से ठण्ड, गर्मी और स्पर्श द्वारा हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम में इनके अनुरूप संकेत उतपन्न किये जा सकते है
इस पुरस्कार का ऐलान करने के बाद नोबेल असेंबली ने कहा,
हमारे अस्तित्व के लिए गर्मी, सर्दी और स्पर्श को महसूस करने की हमारी क्षमता आवश्यक है. और हमारे आसपास की दुनिया के साथ हमारी बातचीत को कम करती है. अपने आम जीवन में हम इन संवेदनाओं को हल्के में लेते हैं, लेकिन नर्व इम्पल्स को कैसे शुरू किया जाता है ताकि तापमान और दबाव को महसूस किया जा सके? इस सवाल को इस साल के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने हल किया है.
इस ज्ञान का उपयोग पुराने दर्द सहित कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है.
कोरोना के कारण नहीं हुआ कोई समारोह
कोविड महामारी के कारण नोबेल समारोह को सरल ही रखा गया है वरना आमतौर पर यह अवॉर्ड समारोह दुनियाभर की धूमधाम और ग्लैमर से भरे होते हैं.
स्टॉकहोम में होने वाले इस समारोह को कोरोना वायरस और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के बारे में चिंताओं के बीच लगातार दूसरे वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया है.
पिछले साल का पुरस्कार हार्वे ऑल्टर (Harvey Alter) और चार्ल्स राइस (Charles Rice) और ब्रिटान माइकल ह्यूटन (Briton Michael Houghton) को हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C virus) वायरस की पहचान करने के लिए दिया गया था, जो सिरोसिस और लीवर कैंसर का कारण बनता है.
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