उत्तर कोरिया के चीफ किम जोंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मिलने को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है. उत्तर कोरिया ने अमेरिका को धमकी दी है कि वो परमाणु कार्यक्रम छोड़ने के लिए उत्तर कोरिया पर एकतरफा दबाव ना बनाए. और अगर अमेरिका ऐसा करता है तो दोनों के बीच सिंगापुर में 12 जून को होने वाली मीटिंग कैंसिल कर दी जाएगी.
उत्तर कोरिया ने बुधवार को कहा कि अगर अमेरिका उस पर परमाणु कार्यक्रम छोड़ने के लिए एकतरफा दबाव बनाता रहेगा, तो वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रस्तावित बैठक में शामिल होने के फैसले को लेकर फिर से विचार कर सकता है.
उत्तर कोरियाई न्यूज एजेंसी केसीएनए ने उप विदेश मंत्री किम क्ये-ग्वान के हवाले से बताया कि
अमेरिका अगर हमें एक किनारे कर देता है और एकतरफा तौर पर हमसे परमाणु हथियार छोड़ने की मांग करता है तो वार्ताओं में शामिल होने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं होगी. और हमें इस पर फिर से विचार करना होगा कि हम उत्तर कोरिया-अमेरिका सम्मेलन को स्वीकार करें या नहीं.
दक्षिण कोरिया के साथ वार्ता रद्द
बता दें कि अभी हाल ही में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के सुप्रीम लीडर एक दूसरे से मिले थे.
27 अप्रैल को उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने पहली बार बॉर्डर पार कर दक्षिण कोरिया में प्रवेश किया था, जहां दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने उनका स्वागत किया था.
लेकिन रिश्तों को और बेहतर बनाने के लिए बुधवार को होने वाली बैठक से पहले उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ प्रस्तावित मीटिंग रद्द कर दी है. उत्तर कोरिया का कहना है कि दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका के युद्धाभ्यास की वजह से ये फैसला लिया गया है.
उत्तर कोरिया चीफ किम ने दक्षिण कोरिया के साथ मीटिंग रद्द करने पर कहा कि उत्तर कोरिया को बड़ी उम्मीदें थीं कि इस बैठक से कोरियाई प्रायद्वीप में हालात ठीक होंगे और यह महान भविष्य के निर्माण के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा.
उन्होंने कहा, "हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बैठक के पहले अमेरिका कई बेतुके बयान देकर हमें उकसा रहा है."
केसीएनए ने उत्तर कोरिया के हवाले से कहा,
संयुक्त अभ्यास अमेरिका और दक्षिण कोरिया के रूख को दर्शाता है ताकि वह उत्तर कोरिया के खिलाफ ज्यादा दबाव बना सके और प्रतिबंध लगाए रखे.
बता दें कि कोल्ड वॉर के समय से दुश्मन रहे अमेरिका और उत्तर के टॉप नेता के बीच ये पहली शिखर वार्ता होने वाली है. लेकिन बीबीसी के मुताबिक, दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात को लेकर अहम तैयारियां चल रही थीं, लेकिन इस घटनाक्रम के बाद अब यह मुलाकात संदेह के घेरे में है.
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