उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की सेहत से जुड़ी खबरें दुनियाभर में चल रही हैं. अब तमाम कयासों के बीच दक्षिण कोरिया ने कहा है कि किम 'जीवित और ठीक' हैं. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के एक टॉप सिक्योरिटी एडवाइजर ने यह बात कही है. एडवाइजर ने कहा कि किम 13 अप्रैल से देश के पूर्वी हिस्से में स्थित एक रिजॉर्ट टाउन वोनसन में रह रहे हैं. उन्होंने कहा, ''अभी तक किसी भी संदिग्ध मूवमेंट का पता नहीं चला है.''
अटकलों का दौर जारी है, ऐसे में इस पर भी बात शुरू हो गई है कि आखिर किम की जगह और कौन संभालेगा उत्तर कोरिया की बागडोर?
ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि लगातार उनके साथ दिखने वाली उनकी बहन किम यो-जोंग उनकी जगह ले सकती हैं.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1988 में जन्मी 31 साल की किम यो-जोंग उत्तर कोरिया के पूर्व तानाशाह किम जोंग-इल की सबसे छोटी बेटी हैं. 9 साल उम्र में ही उन्हें स्विट़्जरलैंड के बर्न में प्राइमरी शिक्षा के लिए भेज दिया गया था. यहां वह अपने बड़े भाई किम जोंग-उन के साथ रहीं. साल 2002 में वह उत्तर कोरिया वापस आ गईं और यहीं की किम इल सुंग यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की डिग्री ली.
इसके बाद साल 2011 में अपने पिता की मौत तक वह उनकी प्रमुख सहयोगी रहीं. और तब से लेकर अब तक वह अपने भाई किम जोंग उन की सबसे करीबी सहयोगी हैं. सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ है और इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2018 और साल 2019 में वियतनाम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई शिखर वार्ता में वह शामिल हुई थीं.
भाई की जगह लेने में क्यों है कुछ लोगों का संदेह?
कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि वह अपने भाई की जगह नहीं ले सकतीं क्योंकि उत्तर कोरिया का समाज पुरुष प्रधान है. और ऐसे में अगर किम यो जोंग अपने भाई की जगह लेती हैं, तो उत्तर कोरिया में ऐसा पहली बार होगा जब कोई महिला इस देश की बागडोर अपने हाथों में लेगी. कोरियन यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले यू हो इयोल की मानें तो जिस देश में सत्ता पर हमेशा पुरुषों का ही अधिकार रहा है वहां किसी महिला को लेकर ऐसा भी हो सकता है कि वहां की जनता उन्हें स्वीकार न करे.
क्यों हैं सबसे मजबूत दावेदार?
लेकिन कुछ का इससे अलग मानना है कि उनके महिला होने से ज्यादा जरूरी बात यह है कि वह उस परिवार से हैं जिसके पास सत्ता है तो विरासत में उन्हें यह गद्दी मिल सकती है. रेंड कॉर्पोरेशन के एनालिस्ट और कोरियाई प्रायद्वीप मुद्दों के विशेषज्ञ सू किम की मानें तो यो-जोंग ने राजनीति में करीब एक दशक बिताया है. इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि इस गद्दी के लिए वह एक बेहतरीन दावेदार साबित हों. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया का भाग्य किम परिवार के साथ ही शुरू और खत्म होता है और मुझे नहीं लगता कि ऐसे में किसी को भी क्षमता को लेकर चिंता करने की जरूरत है.
उनके छोटे भाई किम जोंग चोल के बारे में बात करें तो न तो उनके पास कोई आधिकारिक पदवी है और न ही उनके पास अपनी बहन से ज़्यादा राजनीति का अनुभव है. वह राजनीति से ज्यादा समय अपने गिटार बजाने में बिताते हैं. उनके एक अन्य कॉम्पटीटर में उनके भतीजे किम हान सोल हैं लेकिन वह पहले ही कई बार देश के शासन की निंदा कर चुके हैं और वह विदेश में रहते हैं. दक्षिण कोरियाई मीडिया के मुताबिक अन्य दावेदारों में किम जोंग उन का 10 साल का बेटा भी हो सकता है लेकिन इस बारे में मीडिया ने कभी भी आधिकारिक तौर पर नहीं बताया है.
वहीं उत्तर कोरिया के दूतावास में काम कर चुके योंग हो ने अपने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा कि इस गद्दी के उम्मीदवारों में से एक किम प्योंग इल हैं. बता दें कि किम प्योंग इल उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग के बेटे हैं और वे पिछले चार दशकों से एक राजनयिक के तौर पर देश की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किम यो-जोंग और किम इल सुंग के राजनीतिक अनुभव में करीब 30 साल का अंतर है. इस हिसाब से यो-जोंग एक नौसिखिया हैं.
हालांकि, योंग हो ने ऐसी ही दलील तब भी दी थी जब किम जोंग उन को उत्तर कोरिया की बागडोर संभालने के लिए दी गई थी. इस हिसाब से किम यो-जोंग उत्तर कोरिया की गद्दी संभालने के लिए प्रमुख दावेदार बन जाती हैं.
दक्षिण कोरिया के अनुसार वर्कर्स पार्टी में रहकर जो-योंग राज्य की मीडिया में किम जोंग उन की इमेज को प्रमोट करने का काम करती थीं. किम यो-जोंग को लगातार प्रमोशन मिलते रहे और वह अपने भाई के साथ फैक्ट्री, खेतों और मिलिट्री यूनिट्स के दौरे पर भी जाती थीं. कई मौकों पर अपने भाई के प्रमुख सहयोगी के तौर पर काम करते हुए उन्होंने अपने भाई का भरोसा जीता.
किम यो जोंग का ऐसा बढ़ता गया दबदबा
- साल 2018 में हुए विंटर ओलंपिंक खेलों में किम यो-जोंग ने अपने भाई की जगह पर नॉर्थ कोरिया का नेतृत्व किया था. इसके बाद से ही सत्तारूढ़ पार्टी में उनकी हैसियत और भी बढ़ गई थी.
- साल 2018 और 2019 में तो वह अपने भाई और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच में हुई सिंगापर और वियतनाम शिखर वार्ता में शामिल हुईं जहां से उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी पहचान मिली.
- हाल ही में कोविड 19 समस्या से निपटने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के लिखे लेटर को उन्होंने खुद जवाब दिया. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि उनके भाई के साथ ट्रंप के नजदीकी रिश्ते लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को निपटाने के लिए काफी नहीं हैं.
- इससे यह बात तो जाहिर होती है कि आने वाले समय में वह अमेरिका और उत्तर कोरिया के संबंधों को कितनी मजबूती से संभाल सकती हैं. इस लेटर के जवाब में उन्होंने लिखा कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के संबंध दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के संबंधों की तरह ही बेहतर हो जाएंगे. लेकिन इसे समय पर छोड़ देते हैं. और हम लगातार अपने देश को और शक्तिशाली करते रहेंगे जैसा कि पिछले दो सालों में हमने किया भी है.
- पिछले महीने मार्च में नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर कार्यक्रम पर साउथ कोरिया ने आपत्ति पर भी किम यो-जोंग साउथ कोरिया पर भड़की थीं. उन्होंने कहा था, 'डरे हुए कुत्ते भौंक रहे हैं.'
- इसके अलावा, वह दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और चीनके राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई अपने भाई की बैठकों में भी शामिल हो चुकी हैं.
अब किम जोंग उन की सेहत पर जो अटकलें लगाई जा रही हैं उनका निष्कर्ष क्या निकलेगा ये अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना जरूर है कि किम जोंग की बहन यो-जोंग गद्दी संभालने के लिए बिलकुल तैयार दिख रही हैं.
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