कोरियाई प्रायद्वीप में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है. दक्षिण कोरिया-जापान (South Korea-Japan Summit) के बीच लंबित द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सुरक्षा पर होने वाले शिखर सम्मेलन से कुछ ही घंटे पहले उत्तर कोरिया ने गुरुवार 16 मार्च को पूर्वी सागर की ओर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी है.
योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरियाई ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि उसने प्योंगयांग के सुनान क्षेत्र से सुबह 7.10 बजे प्रक्षेपण का पता लगाया. पानी में गिरने से पहले मिसाइल ने करीब 1 हजार किमी तक उड़ान भरी. इससे पहले भी उत्तर कोरिया ने ह्वासोंग-15 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया था. वहीं पर्यवेक्षकों ने प्योंगयांग द्वारा ठोस-ईंधन आधारित आईसीबीएम लॉन्च करने की संभावना जताई है.
दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया अधिकारी उत्तर के मिसाइल विकास कार्यक्रम से संबंधित हालिया गतिविधियों पर विचार कर एक व्यापक विश्लेषण कर रहे हैं. हम उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की कड़ी निंदा करते हैं, जो न केवल कोरियाई प्रायद्वीप पर, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है.जेसीएस
बता दें कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने टोक्यो में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें भाग लेने के लिए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल आज ही जापान पहुंचे हैं. वहीं इस शिखर सम्मेलन के दौरान उत्तर कोरिया की आक्रामकता को लेकर बातचीत की जाएगी, जो लगातार कोरियाई प्रायद्वीप में मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है. इतना ही नहीं उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल खतरों ने सियोल और टोक्यो को अपने ऐतिहासिक झगड़ों को भुलकर सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए मिलकर काम करने के लिए नई गति दी है. बता दें कि, उत्तर कोरिया ने मंगलवार को छोटी दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं.
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