पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर से आने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को बगैर पासपोर्ट की यात्रा की इजाजत दे सकता है. पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री एजाज शाह ने शुक्रवार को वहां की पार्लियामेंट में इसके संकेत दिए. गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए ज्यादा से ज्यादा सिख तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने के लिए पाकिस्तान बगैर पासपोर्ट की यात्रा की इजाजत दे सकता है.
पाकिस्तानी मंत्री ने पासपोर्ट फ्री यात्रा के दिए संकेत
‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से खबर दी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते में बगैर पासपोर्ट की यात्रा की इजाजत नहीं दी गई है. लेकिन मंत्री के बयान से ऐसा लग रहा है कि इसके बगैर यात्रा की इजाजत दी जा सकती है. इस मामले में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से विस्तृत जानकारी मांगी गई है.
मंत्री ने कहा कि इस वक्त भारतीय यात्री पासपोर्ट या सिटिजन ऑफ इंडिया-ओरिजिन कार्ड के साथ इस कॉरिडोर से दरबार साहिब आ सकते हैं. इसके लिए वीजा की जरूरत नहीं है. हालांकि भारत में सरकार के सूत्रों का कहना है उन्हें पाकिस्तान के इस प्रस्ताव की जानकारी नहीं है.
इस समय सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान की ओर से तीर्थयात्रियों से वसूली जा रही 20 डॉलर की फीस है. अगर यह फीस हटा दी जाए तो और अधिक तीर्थयात्री दरबार साहिब पहुंच सकते हैं.
नवंबर 2019 में खुला था करतारपुर कॉरिडोर
पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान अपनी-अपनी धरती पर करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. इसस करतापुर में मौजूदा गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सबसे जल्दी पहुंचा जा सकता है. माना जाता है कि गुरुनानक देव ने यहां अपने जीवन के 18 साल बिताए थे. पाकिस्तान और भारत सरकार के समझौते के मुताबिक तीर्थयात्री बगैर वीजा के यहां सालों भर जा सकते हैं. हालांकि इस बीच, पंजाब सरकार ने भारत के तीर्थयात्रियों की मदद के लिए कई पासपोर्ट सर्विस केंद्र खोले हैं. तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट बनाने में सहूलियत दिलाई जा रही है.
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