इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के आदेश के फैसले के मुताबिक पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को सिविलयन कोर्ट में अपील की इजाजत के लिए अपने आर्मी एक्ट में बदलाव करेगा.
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में जिन लोगों पर मिलिट्री कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है उन्हें सिविल कोर्ट में अपील की इजाजत नहीं है. लेकिन इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले के बाद कुलभूषण जाधव को सिविलियन कोर्ट में अपील की इजाजत देने के लिए मिलिट्री एक्ट में बदलाव किया जाएगा.
सिविलयन कोर्ट में अपील की मिलेगी इजाजत
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के आदेश के फैसले के मुताबिक पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को सिविलयन कोर्ट में अपील की इजाजत के लिए अपने आर्मी एक्ट में बदलाव करेगा.
इस साल जुलाई में आईसीजे ने कुलभूषण मामले में 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसमें कहा गया था कि पाकिस्तान कॉन्सुलर रिलेशन्स के वियेना कन्वेंशन के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है. अदालत ने पाकिस्तान को कहा था कि वह जाधव के खिलाफ मुकदमे की समीक्षा करे और इस पर पुनर्विचार करे.
जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान में कथित तौर पर तोड़फोड़ और आतंकी कार्रवाई के आरोप में गिरफ्तार किया था. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का आरोप था कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में जासूसी के इरादे से आया था. जबकि भारत ने कुलभूषण के जासूसी और तोड़फोड़ में लिप्त होने के आरोपों से इनकार किया है. उसका कहना है कि भारतीय नेवी के रिटायर्ड अफसर जाधव को पाकिस्तान ईरान से अगवा कर अपने यहां ले गया था.
आईसीजे के फैसले के बाद जाधव से भारतीय राजनयिक की मुलाकात
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के बाद इसी साल सितंबर में कुलभूषण जाधव से भारतीय डिप्लोमेट्स की मुलाकात हुई थी. हालांकि, पहली मुलाकात के बाद पाकिस्तान ने कह दिया था कि दूसरी बार जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दी जाएगी. जुलाई में आईसीजे ने अपने फैसले में बिना देरी के जाधव को राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया था. जाधव को सितंबर में राजनयिक पहुंच दी गई, लेकिन पाकिस्तान ने इस दौरान भी सामान्य शिष्टाचार का ख्याल नहीं रखा. मुलाकात की जगह ऐन मौके पर बदल दी गई और किसी अज्ञात जगह पर मुलाकात की गई.
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