आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने शुक्रवार, 9 जून को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया. कर्ज के बोझ तले पाकिस्तान के लिए ये बजट बेहद अहम माना जा रहा था. लेकिन कहा जा रहा है कि शहबाज सरकार का ये बजट इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड यानी IMF को प्रभावित करने में कामयाब नहीं रहा है.
चलिए आपको पाकिस्तान का पूरा बजट समझाते हैं. इसके साथ ही बताएंगे कि इस बजट से क्या उम्मीदें थी. साथ ही बताएंगे कि एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
Pakistan Budget 2023: कर्ज का बोझ, डिफेंस को डोज,पाकिस्तान के बजट में क्या-क्या?
1. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पाकिस्तान का कितना बजट?
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 14.5 लाख करोड़ रुपये (पाकिस्तानी रुपये) का बजट पेश किया. जो कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 52 फीसदी अधिक है. वित्त वर्ष 2022-23 में 9.5 लाख करोड़ का बजट पेश किया गया था. पाकिस्तान सरकार ने इस बार के कुल बजट का आधा हिस्सा यानी 7.3 लाख करोड़ रुपये कर्ज के भुगतान के लिए रखा है. वहीं बजट घाटा 6.54 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है.
इस बजट में जनता पर कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है. इसके साथ ही पाकिस्तान की विकास दर 3.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है, जो भारत के ग्रोथ टारगेट 6.5% से आधा है. वहीं सरकार ने अगले साल महंगाई दर 21% से कम रखने का टारगेट रखा है.
बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार ने कुल 45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था.
Expand2. पाकिस्तान ने 13% बढ़ाया रक्षा बजट
पाकिस्तान सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा पर 1.80 लाख करोड़ रुपये (पाकिस्तानी रुपये) खर्च करने का लक्ष्य है, जो पिछले साल के संशोधित आवंटन से करीब 13 फीसदी ज्यादा है.
पाकिस्तान सरकार की तरफ से जो देश का रक्षा बजट पेश किया गया है, वो उसकी कुल जीडीपी का 1.7 प्रतिशत है
पिछले साल रक्षा मामलों और सेवाओं के लिए पाकिस्तान ने 1.57 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बाद में संशोधित कर 1.59 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जो पाकिस्तान सरकार ने बजट पेश किया है, उसका ब्रेकडाउन करने से पता चलता है, कि पाकिस्तानी सेना को 824.6 अरब रुपये का बड़ा हिस्सा मिला है. इसके बाद वायु सेना को 368.5 अरब रुपये और पाकिस्तान नौसेना को 188.2 अरब रुपये देने का प्रस्ताव रखा गया है.
भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा रक्षा बजट पेश किया है. भारत का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है.
Expand3. विकास परियोजनाओं पर खर्च होंगे 950 अरब रुपये
इशाक डार ने अपने बजट भाषण में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र विकास कार्यक्रम (PSDP) 2023-24 के तहत विकास परियोजनाओं के लिए 950 अरब रुपये की राशि आवंटित की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस राशि के अलावा, 200 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि भी विकास बजट का हिस्सा होगी जिसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से प्रबंधित किया जाएगा.
"कृषि क्षेत्र हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. अन्य उपायों के साथ सरकार ने कृषि ऋण को 1800 अरब रुपये से बढ़ाकर 2250 अरब रुपये कर दिया है."
इशाक डारइसके साथ ही पाकिस्तान सरकार ने IT सेक्टर को SME का दर्जा देना का फैसला किया है. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि आईटी आयात पर आयकर राहत जून 2026 तक बढ़ा दी गई है. इसके अलावा, आईटी क्षेत्र के लिए 5 अरब रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित किया जाएगा.
Expand4. क्या पाकिस्तान को IMF से मिलेगी राहत?
इस बजट के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि पाकिस्तान को IMF से राहत मिल सकती है. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो बजट IMF को प्रभावित करने में असफल रहा है. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, कराची स्थित इनवेस्टमेंट कंपनी वेंचर्स के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर शाहबाज अशरफ ने कहा कि यह एक सादा बजट है जिसमें ढांचागत सुधार के लिए कोई रास्ता नहीं है.
लक्सॉन इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश अधिकारी मुस्तफा पाशा की मानें तो बजट आने के बाद अब IMF, रेवेन्यू कलेक्शन के लिए और उपायों की मांग कर सकता है.
वित्त मंत्री डार ने कहा कि बजट में 9.2 लाख करोड़ के कुल टैक्स रेवेन्यू का लक्ष्य है. साथ ही औद्योगिक क्षेत्र पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है.
यह जून 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 2.5 ट्रिलियन रुपये के शुद्ध बाहरी वित्तपोषण लक्ष्य रखकर आगे बढ़ेगा. इसमें से 1.6 अरब रुपए यानी 5.5 अरब डॉलर वाणिज्यिक और यूरोबॉन्ड उधार के माध्यम से आएंगे.
अल जजीरा से बातचीत में वर्ल्ड बैंक के पूर्व सलाहकार आबिद हसन ने कहा कि हालांकि, इनमें से कुछ भी IMF को संतुष्ट करने वाला नहीं है.
"अभी पाकिस्तान दिवालिया नहीं होगा लेकिन अगर तीन-चार महीनों में कोई नया IMF कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ तो फिर 100 फीसदी आशंकाएं हैं कि यह देश कंगाल हो जाएगा."
दूसरी तरफ पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस बजट के बाद IMF के 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम में से बचे 2.5 अरब डॉलर में से कुछ फंड अनलॉक करने में मदद करेगा, जो इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है.
Expand5. पाकिस्तान के बजट पर विशेषज्ञों का क्या कहना है?
पाकिस्तान के बजट को लेकर विशेषज्ञों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है. अल जजीरा से बातचीत में पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री दुरे नायब ने कहा कि नीति निर्माताओं को अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए खर्च कम करने पर काम करना चाहिए.
रॉयटर्स से बातचीत में पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल के सीईओ एहसान मलिक कहते हैं कि "यह 'असामान्य' समय में बहुत ही 'सामान्य' बजट है.
"गैर-कर और कम-कर वाले क्षेत्रों पर कर लगाकर मौलिक सुधार किए जा सकते थे, जिसमें यह बजट विफल रहता है."
हालांकि, वो कृषि और IT क्षेत्र की घोषणाओं की तारीफ भी करते हैं. साथ ही उन्होंने लिस्टेड कंपनियों पर मिनिमम टैक्स में कटौती को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है.
वहीं आरिफ हबीब लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शाहिद हबीब कहते हैं कि "कृषि, खुदरा और थोक व्यापार और रियल एस्टेट पर गंभीर टैक्सेशन उपायों के बिना 9.2 ट्रिलियन रुपये के राजस्व लक्ष्य को हासिल करना बहुत मुश्किल होगा."
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वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पाकिस्तान का कितना बजट?
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 14.5 लाख करोड़ रुपये (पाकिस्तानी रुपये) का बजट पेश किया. जो कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 52 फीसदी अधिक है. वित्त वर्ष 2022-23 में 9.5 लाख करोड़ का बजट पेश किया गया था. पाकिस्तान सरकार ने इस बार के कुल बजट का आधा हिस्सा यानी 7.3 लाख करोड़ रुपये कर्ज के भुगतान के लिए रखा है. वहीं बजट घाटा 6.54 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है.
इस बजट में जनता पर कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है. इसके साथ ही पाकिस्तान की विकास दर 3.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है, जो भारत के ग्रोथ टारगेट 6.5% से आधा है. वहीं सरकार ने अगले साल महंगाई दर 21% से कम रखने का टारगेट रखा है.
बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार ने कुल 45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था.
पाकिस्तान ने 13% बढ़ाया रक्षा बजट
पाकिस्तान सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा पर 1.80 लाख करोड़ रुपये (पाकिस्तानी रुपये) खर्च करने का लक्ष्य है, जो पिछले साल के संशोधित आवंटन से करीब 13 फीसदी ज्यादा है.
पाकिस्तान सरकार की तरफ से जो देश का रक्षा बजट पेश किया गया है, वो उसकी कुल जीडीपी का 1.7 प्रतिशत है
पिछले साल रक्षा मामलों और सेवाओं के लिए पाकिस्तान ने 1.57 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बाद में संशोधित कर 1.59 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जो पाकिस्तान सरकार ने बजट पेश किया है, उसका ब्रेकडाउन करने से पता चलता है, कि पाकिस्तानी सेना को 824.6 अरब रुपये का बड़ा हिस्सा मिला है. इसके बाद वायु सेना को 368.5 अरब रुपये और पाकिस्तान नौसेना को 188.2 अरब रुपये देने का प्रस्ताव रखा गया है.
भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा रक्षा बजट पेश किया है. भारत का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है.
विकास परियोजनाओं पर खर्च होंगे 950 अरब रुपये
इशाक डार ने अपने बजट भाषण में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र विकास कार्यक्रम (PSDP) 2023-24 के तहत विकास परियोजनाओं के लिए 950 अरब रुपये की राशि आवंटित की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस राशि के अलावा, 200 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि भी विकास बजट का हिस्सा होगी जिसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से प्रबंधित किया जाएगा.
"कृषि क्षेत्र हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. अन्य उपायों के साथ सरकार ने कृषि ऋण को 1800 अरब रुपये से बढ़ाकर 2250 अरब रुपये कर दिया है."इशाक डार
इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार ने IT सेक्टर को SME का दर्जा देना का फैसला किया है. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि आईटी आयात पर आयकर राहत जून 2026 तक बढ़ा दी गई है. इसके अलावा, आईटी क्षेत्र के लिए 5 अरब रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित किया जाएगा.
क्या पाकिस्तान को IMF से मिलेगी राहत?
इस बजट के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि पाकिस्तान को IMF से राहत मिल सकती है. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो बजट IMF को प्रभावित करने में असफल रहा है. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, कराची स्थित इनवेस्टमेंट कंपनी वेंचर्स के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर शाहबाज अशरफ ने कहा कि यह एक सादा बजट है जिसमें ढांचागत सुधार के लिए कोई रास्ता नहीं है.
लक्सॉन इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश अधिकारी मुस्तफा पाशा की मानें तो बजट आने के बाद अब IMF, रेवेन्यू कलेक्शन के लिए और उपायों की मांग कर सकता है.
वित्त मंत्री डार ने कहा कि बजट में 9.2 लाख करोड़ के कुल टैक्स रेवेन्यू का लक्ष्य है. साथ ही औद्योगिक क्षेत्र पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है.
यह जून 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 2.5 ट्रिलियन रुपये के शुद्ध बाहरी वित्तपोषण लक्ष्य रखकर आगे बढ़ेगा. इसमें से 1.6 अरब रुपए यानी 5.5 अरब डॉलर वाणिज्यिक और यूरोबॉन्ड उधार के माध्यम से आएंगे.
अल जजीरा से बातचीत में वर्ल्ड बैंक के पूर्व सलाहकार आबिद हसन ने कहा कि हालांकि, इनमें से कुछ भी IMF को संतुष्ट करने वाला नहीं है.
"अभी पाकिस्तान दिवालिया नहीं होगा लेकिन अगर तीन-चार महीनों में कोई नया IMF कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ तो फिर 100 फीसदी आशंकाएं हैं कि यह देश कंगाल हो जाएगा."
दूसरी तरफ पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस बजट के बाद IMF के 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम में से बचे 2.5 अरब डॉलर में से कुछ फंड अनलॉक करने में मदद करेगा, जो इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है.
पाकिस्तान के बजट पर विशेषज्ञों का क्या कहना है?
पाकिस्तान के बजट को लेकर विशेषज्ञों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है. अल जजीरा से बातचीत में पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री दुरे नायब ने कहा कि नीति निर्माताओं को अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए खर्च कम करने पर काम करना चाहिए.
रॉयटर्स से बातचीत में पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल के सीईओ एहसान मलिक कहते हैं कि "यह 'असामान्य' समय में बहुत ही 'सामान्य' बजट है.
"गैर-कर और कम-कर वाले क्षेत्रों पर कर लगाकर मौलिक सुधार किए जा सकते थे, जिसमें यह बजट विफल रहता है."
हालांकि, वो कृषि और IT क्षेत्र की घोषणाओं की तारीफ भी करते हैं. साथ ही उन्होंने लिस्टेड कंपनियों पर मिनिमम टैक्स में कटौती को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है.
वहीं आरिफ हबीब लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शाहिद हबीब कहते हैं कि "कृषि, खुदरा और थोक व्यापार और रियल एस्टेट पर गंभीर टैक्सेशन उपायों के बिना 9.2 ट्रिलियन रुपये के राजस्व लक्ष्य को हासिल करना बहुत मुश्किल होगा."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)