जुलाई 2021 में पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर से लगभग 590 किलोमीटर दूर भोंग शहर में सैकड़ों लोगों ने गणेश मंदिर पर हमला किया था. पाकिस्तान की एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट (ATC) ने बुधवार, 11 मई को 22 लोगों को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक एक आठ साल के हिंदू लड़के द्वारा एक मुस्लिम मदरसे को कथित तौर पर अपवित्र करने के बदले में लोगों ने मंदिर में तोड़फोड़ किया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक गुस्साई भीड़ ने लाठी और बांस लेकर मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला किया और मंदिर के एक हिस्से में तोड़फोड़ की. हमलावरों ने मंदिर को अपवित्र करते हुए मूर्तियों, दीवारों, दरवाजों और बिजली के फिटिंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था.
गिरफ्तार किए गए 84 संदिग्ध लोगों का ट्रायल पिछले साल सितंबर में शुरू हुआ था, जो पिछले हफ्ते खत्म हुआ.
बुधवार, 11 मई को एटीसी जज (बहवलपुर) नासिर हुसैन ने अपना फैसला सुनाते हुए 22 संदिग्धों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा बाकी 62 लोगों को हुए बरी किया गया है.
जज द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले सभी संदिग्धों को नई सेंट्रल जेल बहावलपुर से कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में लाया गया.
एक अधिकारी ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा फुटेज के रूप में प्रासंगिक सबूत पेश करने और गवाहों के खिलाफ गवाही देने के बाद कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई.
संदिग्ध लोगों से मुआवजा भी लिया गया
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने पहले संदिग्धों से 10 लाख पाकिस्तानी रूपये से अधिक का मुआवजा वसूला.
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने खेद व्यक्त किया कि गणेश मंदिर में बर्बरता ने देश को शर्मसार कर दिया क्योंकि पुलिस ने मूक दर्शकों की तरह काम किया.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कल्पना कीजिए कि अपवित्रता की घटना से हिंदू समुदाय के लोगों को मानसिक तौर पर कितनी पीड़ा हुई होगी.
बता दें कि पाकिस्तान की संसद ने भी एक प्रस्ताव पारित करते हुए मंदिर में हुए हमले की निंदा की थी.
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