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भारत-पाक के बीच बातचीत संभव नहीं, तीसरे का दखल ही विकल्पः कुरैशी

शाह महमूद कुरैशी ने कहा- ‘राजनीतिक मजबूरी के कारण कश्मीर पर नहीं बोल रहे यूरोपीय देश’

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत की गुंजाइश नहीं बची है. उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए अब सिर्फ तीसरे पक्ष का दखल ही विकल्प बचा है.

कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कई बार भारत से बातचीत की पेशकश की लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली. शाह महमूद कुरैशी ने कहा-

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निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है. ऐसे में केवल एक ही विकल्प है और वह है भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता.

राजनीतिक मजबूरी के कारण कश्मीर पर नहीं बोल रहे यूरोपीय देश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि यूरोपीय यूनियन के देश राजनीतिक वजहों से कश्मीर पर 'सब कुछ जानने' के बाद भी कुछ नहीं बोल रहे हैं.

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कुरैशी ने 'स्विस टीवी' को दिए साक्षात्कार में यह बात कही. उन्होंने 'कश्मीर के हालात' पर चिंता जताते हुए कहा कि यूरोपीय यूनियन के देश घटनाक्रम की गंभीरता को समझ रहे हैं लेकिन राजनैतिक वजहों से अपनी आवाज नहीं उठा रहे हैं.

पाकिस्तान ने UNHRC में कहा, भारत ने कश्मीर को जेल में बदल दिया

पाकिस्तान ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNHRC) में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि भारत ने कश्मीर को एक जेल में बदल दिया है.

उन्होंने कहा कि बीते छह हफ्तों से हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता नजरबंद हैं. उन्होंने कहा कि 'अधिकृत कश्मीर' को दुनिया की सबसे बड़ी जेल बना दिया गया है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने आरोप दोहराते हुए कहा कि भारत की मौजूदा सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे पर काम कर रही है. उन्होंने कश्मीर से प्रतिबंधों को तुरंत हटाने की मांग की.

बता दें, कश्मीर मामले में दुनिया का साथ नहीं मिलने की बेचैनी पाकिस्तानी नेताओं के बयानों में बार-बार दिख रही है.

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