पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को देश के हाई कोर्ट्स में अपनी सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, यह बिल इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के फैसले को प्रभावी बनाने के लिए समीक्षा और पुनर्विचार का अधिकार देने की कोशिश से जुड़ा है.
नेशनल असेंबली ने गुरुवार को 21 सदस्यीय स्थायी समिति की मंजूरी के बाद इस बिल को मंजूरी दे दी. इस बिल का नाम इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ( रिव्यू एंड री-कंसीडरेशन) बिल, 2020 है.
कुलभूषण जाधव मामले में ICJ के फैसले के मद्देनजर पाकिस्तान सरकार इससे पहले नेशनल असेंबली में एक अध्यादेश लेकर आई थी.
कौन हैं कुलभूषण जाधव, क्या है मामला?
कुलभूषण जाधव को भारतीय नौसेना का रिटायर अधिकारी बताया जाता है. उन्हें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी.
पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को जासूसी के आरोप में 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. वहीं, भारत पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर चुका है और उसका कहना है कि जाधव को चाबहार बंदरगाह से अगवा किया गया था.
भारत ने जाधव को उचित राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से पाकिस्तान के इनकार करने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिए हेग स्थित ICJ का रुख किया था. ICJ ने जुलाई 2019 में अपने आदेश में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और सजा पर ‘‘प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार’’ करना होगा, साथ ही, उसे बिना विलंब किए भारत को राजनयिक माध्यम से उनसे संपर्क करने की अनुमति भी देनी होगी.
जनवरी में भारतीय विदेश मंत्रालय ने ICJ के फैसले पर कार्रवाई न करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा था.
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