पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर उनका देश फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से ब्लैकलिस्ट होता है तो पाकिस्तानी इकनॉमी तबाह हो जाएगी.
दरअसल ARY न्यूज के साथ इंटरव्यू के दौरान खान से एक सवाल पूछा गया था, जो विपक्ष के दबदबे वाले सीनेट द्वारा FATF से जुड़े दो बिल्स को खारिज किए जाने के बारे में था. इस सवाल के जवाब में खान ने कहा, ''लोग अभी महंगाई की बात करते हैं. अगर हमें ब्लैकलिस्ट किया जाता है, तो हम ऐसी मुद्रास्फीति का अनुभव करेंगे जो हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगी.''
पेरिस स्थित ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिस्ट फाइनेंसिंग वॉचडॉग FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक प्लान ऑफ एक्शन को लागू करने के लिए कहा था. हालांकि COVID-19 महामारी के चलते बाद में डेडलाइन बढ़ा दी गई.
पाकिस्तान अगर अक्टूबर तक FATF के निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहता है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि यह वैश्विक संस्था उत्तर कोरिया और ईरान के साथ उसे 'ब्लैक लिस्ट' में डाल सकती है.
शरीफ को इलाज के लिए ब्रिटेन जाने देना एक गलती थी: इमरान
इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को देश छोड़ने और इलाज के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति देना एक गलती थी. खान ने कहा, “अब मैं शर्मिंदा हूं. अब उन्होंने (शरीफ) वहां से भी राजनीति करनी शुरू कर दी है और जब आप उन्हें देखेंगे तो लगेगा जैसे उनके साथ कुछ हुआ ही नहीं है.”
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, प्रधानमंत्री के जवाबदेही और आंतरिक मामलों के सलाहकार शहजाद अकबर ने 22 अगस्त को कहा था कि शरीफ के प्रत्यर्पण के लिए सरकार ने ब्रिटेन से संपर्क किया है, क्योंकि उन्हें 'भगोड़ा' घोषित किया गया है. जिसके बाद प्रधानमंत्री की अब यह टिप्पणी सामने आई है.
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