ADVERTISEMENTREMOVE AD

पाकिस्तान लाखों अफगानियों को देश से क्यों निकाल रहा? भड़का तालिबान, क्या है विवाद ?

Pakistan ने 17 लाख अफगानों सहित बिना डॉक्यूमेंट्स वाले सभी आप्रवासियों को 1 नवंबर तक देश छोड़ने का आदेश दिया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

पाकिस्तान (Pakistan) ने 1.7 मिलियन अफगानों (Afghan Migrants) सहित बिना डॉक्यूमेंट्स वाले सभी आप्रवासियों को 1 नवंबर तक देश छोड़ने का आदेश दिया है. जो लोग रुकेंगे उनको बड़े पैमाने पर डिपोर्ट करने का ऐलान किया गया है.

अफगानिस्तान की तालिबान (Taliban) सरकार इससे खफा है, उन्होंने इसे 'नामंजूर' बताया है. क्या है ये मामला? तालिबान ने इसपर क्या कहा? आपको विस्तार से बताते हैं.

पाकिस्तान लाखों अफगानियों को देश से क्यों निकाल रहा? भड़का तालिबान, क्या है विवाद ?

  1. 1. क्या कहता है आदेश? 

    पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर ने 3 अक्टूबर को इस्लामाबाद में अपने शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना को मंजूरी दी है.

    आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पाकिस्तान में रहने वाले सभी अवैध अप्रवासियों को स्वेच्छा (खुद से) से अपने देश लौटने के लिए 1 नवंबर तक का समय है और अगर वे समय सीमा तक जाने में विफल रहते हैं, तो हमारी सभी राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां उन्हें डिपोर्ट करने के लिए पूरी ताकत से अभियान चलाएंगी."

    Expand
  2. 2. पाकिस्तान में कितने ऐसे अफगान?

    आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने पाकिस्तान में बिना दस्तावेज वाले माइग्रेंट्स की कोई संख्या शेयर नहीं की, लेकिन उनका अनुमान है कि उनमें 17 लाख से ज्यादा अफगानी हैं.

    अधिकारियों ने ये भी फैसला लिया है कि अफगानी एक नवंबर से केवल वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ ही पाकिस्तान में प्रवेश कर सकते हैं.

    "एक दस्तावेज शासन" नीति पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लगभग 2,600 किलोमीटर (1,600 मील) की सीमा पर फैले विभाजित जनजातियों की विशेष यात्रा परमिट की की दशकों पुरानी छूट में बदलाव कर देगी.

    Expand
  3. 3. ऐसा क्यों कर रहा पाकिस्तान ? 

    हाल के महीनों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोत्तरी की वजह से बिना डॉक्यूमेंट वाले अफगान आप्रवासियों (Migrants) पर कार्रवाई शुरू हो गई है. अधिकारियों का कहना है कि घातक हिंसा अफगानिस्तान में आतंकवादी पनाहगाहों से निर्देशित की जा रही है.

    "जनवरी से हम पर 24 आत्मघाती बम हमले हुए हैं और उनमें से 14 अफगान नागरिकों द्वारा किए गए थे. हाल ही में दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में दो पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले 11 आतंकवादियों में से आठ अफगान थे."
    सरफराज बुगती, आंतरिक मंत्री, पाकिस्तान

    उन्होंने कहा, "हमारे पास सबूत हैं कि इन हमलों में अफगान शामिल थे और हम अपने विदेश मंत्रालय के माध्यम से अफगानिस्तान में तालिबान अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठा रहे हैं."

    जिलानी ने फैसलों को सही बताया

    पाकिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने हांग-कांग के फीनिक्स टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि कोई भी देश अवैध लोगों को अपनी जमीन पर नहीं रहने देता है. चाहे वो यूरोप हो, एशिया के देश हों या हमारा पड़ोस हो. उन्होंने कहा,

    "हमारा फैसला अंतरराष्ट्रीय प्रथा के अनुरूप ही है. जब भी कोई समस्या होती थी तो लोग पाकिस्तान चले आते थे, पाकिस्तान में शरण ले लेते थे, लेकिन अब मुझे लगता है कि 40 साल से अधिक समय हो गया है, इसलिए पाकिस्तान सरकार ने एक फैसला लिया है."
    Expand
  4. 4. तालिबान ने क्या कहा ?

    अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने 04 अक्टूबर को कहा कि बिना दस्तावेज वाले अफगान नागरिकों को निष्कासित करने का पाकिस्तान का फैसला "अस्वीकार्य" है और उन्होंने अधिकारियों से इस नीति पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है.

    Expand
  5. 5. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग का रुख ?

    पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने कहा कि विदेशी देशों को बेदखल करने का निर्णय, कथित तौर पर इसलिए क्योंकि उनके आतंकवादी और आपराधिक समूहों से संबंध थे, यह न केवल करुणा की अनुपस्थिति बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अदूरदर्शी और संकीर्ण दृष्टिकोण को भी दर्शाता है.”

    इसमें कहा गया है, "ऐसे लोगों में से ज्यादातर कमजोर अफगान शरणार्थी और राज्यविहीन व्यक्ति हैं, जिनके लिए पाकिस्तान कई पीढ़ियों से घर रहा है." उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की गलतियों के लिए सभी को जिम्मेदार ठहराना "अनुचित" है.

    एचआरसीपी ने आगे कहा कि इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन किया है और इसे तुरंत उलटने की मांग की है.

    (इनपुट्स - डॉन न्यूज)

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

    Expand

क्या कहता है आदेश? 

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर ने 3 अक्टूबर को इस्लामाबाद में अपने शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना को मंजूरी दी है.

आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पाकिस्तान में रहने वाले सभी अवैध अप्रवासियों को स्वेच्छा (खुद से) से अपने देश लौटने के लिए 1 नवंबर तक का समय है और अगर वे समय सीमा तक जाने में विफल रहते हैं, तो हमारी सभी राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां उन्हें डिपोर्ट करने के लिए पूरी ताकत से अभियान चलाएंगी."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पाकिस्तान में कितने ऐसे अफगान?

आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने पाकिस्तान में बिना दस्तावेज वाले माइग्रेंट्स की कोई संख्या शेयर नहीं की, लेकिन उनका अनुमान है कि उनमें 17 लाख से ज्यादा अफगानी हैं.

अधिकारियों ने ये भी फैसला लिया है कि अफगानी एक नवंबर से केवल वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ ही पाकिस्तान में प्रवेश कर सकते हैं.

"एक दस्तावेज शासन" नीति पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लगभग 2,600 किलोमीटर (1,600 मील) की सीमा पर फैले विभाजित जनजातियों की विशेष यात्रा परमिट की की दशकों पुरानी छूट में बदलाव कर देगी.

0

ऐसा क्यों कर रहा पाकिस्तान ? 

हाल के महीनों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोत्तरी की वजह से बिना डॉक्यूमेंट वाले अफगान आप्रवासियों (Migrants) पर कार्रवाई शुरू हो गई है. अधिकारियों का कहना है कि घातक हिंसा अफगानिस्तान में आतंकवादी पनाहगाहों से निर्देशित की जा रही है.

"जनवरी से हम पर 24 आत्मघाती बम हमले हुए हैं और उनमें से 14 अफगान नागरिकों द्वारा किए गए थे. हाल ही में दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में दो पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले 11 आतंकवादियों में से आठ अफगान थे."
सरफराज बुगती, आंतरिक मंत्री, पाकिस्तान

उन्होंने कहा, "हमारे पास सबूत हैं कि इन हमलों में अफगान शामिल थे और हम अपने विदेश मंत्रालय के माध्यम से अफगानिस्तान में तालिबान अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठा रहे हैं."

जिलानी ने फैसलों को सही बताया

पाकिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने हांग-कांग के फीनिक्स टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि कोई भी देश अवैध लोगों को अपनी जमीन पर नहीं रहने देता है. चाहे वो यूरोप हो, एशिया के देश हों या हमारा पड़ोस हो. उन्होंने कहा,

"हमारा फैसला अंतरराष्ट्रीय प्रथा के अनुरूप ही है. जब भी कोई समस्या होती थी तो लोग पाकिस्तान चले आते थे, पाकिस्तान में शरण ले लेते थे, लेकिन अब मुझे लगता है कि 40 साल से अधिक समय हो गया है, इसलिए पाकिस्तान सरकार ने एक फैसला लिया है."
ADVERTISEMENTREMOVE AD

तालिबान ने क्या कहा ?

अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने 04 अक्टूबर को कहा कि बिना दस्तावेज वाले अफगान नागरिकों को निष्कासित करने का पाकिस्तान का फैसला "अस्वीकार्य" है और उन्होंने अधिकारियों से इस नीति पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग का रुख ?

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने कहा कि विदेशी देशों को बेदखल करने का निर्णय, कथित तौर पर इसलिए क्योंकि उनके आतंकवादी और आपराधिक समूहों से संबंध थे, यह न केवल करुणा की अनुपस्थिति बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अदूरदर्शी और संकीर्ण दृष्टिकोण को भी दर्शाता है.”

इसमें कहा गया है, "ऐसे लोगों में से ज्यादातर कमजोर अफगान शरणार्थी और राज्यविहीन व्यक्ति हैं, जिनके लिए पाकिस्तान कई पीढ़ियों से घर रहा है." उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की गलतियों के लिए सभी को जिम्मेदार ठहराना "अनुचित" है.

एचआरसीपी ने आगे कहा कि इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन किया है और इसे तुरंत उलटने की मांग की है.

(इनपुट्स - डॉन न्यूज)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×