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Al-Aqsa मस्जिद में फिर हिंसा, इजराइली पुलिस और फिलिस्तीनियों में झड़प, 152 घायल

मस्जिद-अल-अक्सा मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है.

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इजरायल (Israel) के यरूशलम (Jerusalem) से खबर आ रही है कि इस्लाम धर्म में तीसरी सबसे पवित्र जगह मानी जाने वाली अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa mosque) यानी हरम-अल शरीफ क्षेत्र में फिलिस्तीनियों और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई है.

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इजरायली मीडिया से प्राप्त रिपोर्ट्स के अनुसार पहले इस घटना में 60 से अधिक फिलिस्तीनियों के घायल होने की खबर आई, बाद में बताया गया कि 152 के आसपास फिलिस्तीनी घायल हो गए हैं.

बताया गया है कि सुबह की नमाज के लिए हजारों फिलिस्तीनी मस्जिद क्षेत्र में मौजूद थे, तभी पुलिस ने मस्जिद में प्रवेश किया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई. फिलिस्तीनियों के एक छोटे समूह ने पुलिस पर पथराव किया, उसके बाद पुलिस परिसर में घुसी और बल प्रयोग करने लगी, इससे हिंसा भड़क गई. पुलिस ने उपद्रव करने वाले फिलिस्तीनियों पर आंसू गैस एवं स्टन ग्रेनेड चलाई.

यह संघर्ष बेहद ही संवेदनशील समय पर हुआ है, अभी रमजान का पाक महीना चल रहा है और इसके साथ-साथ ही इजराइल के दो अन्य समुदाय यहूदी और ईसाई के भी अहम त्योहार आगे आ रहे हैं.

इस घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें फिलिस्तीनी पथराव करते और पटाखे फेंकते दिख रहे हैं तथा पुलिस उन पर आंसू गैस के गोले दाग रही है. इसी वीडियो में आंसू गैस के धुएं के बीच मस्जिद के अंदर ही घिरे नमाजी भी दिखते हैं.

फिलिस्तीनी संस्था पैलेस्टीनियन रेड क्रेसेंट इमरजेंसी सेवा ने इस बारे में बयान जारी करते हुए बताया कि उसने कुल 152 घायलों को इलाज दिया है. इसी बयान में उल्लेख है कि एक इजरायली सुरक्षाकर्मी की आंख में रबड़ की गोली लगी. इजरायली पुलिस ने भी जानकारी दी कि मस्जिद के अंदर से हुए पथराव के कारण तीन अधिकारी घायल हो गए.

इस बारे में इजरायली विदेश मंत्रालय और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री उमर बारलेव दोनों की प्रतिक्रिया आ गई है. इजरायली विदेश मंत्रालय ने ट्वीट में लिखा कि, ‘हिंसा को रोकने पुलिस को भीड़ को हटाने के लिए मस्जिद में प्रवेश करना पड़ा. पर फिलिस्तीनियों की भीड़ की ओर से पास ही स्थित यहूदियों के एक पवित्र स्थल ‘वेस्टर्न वाल’ पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद ही हमारी पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.

इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री उमर बारलेव ने कहा कि इजरायल यहूदियों और मुसलमानों के प्रार्थना करने के अधिकार को लेकर प्रतिबद्ध है. हमारी इस मस्जिद में बलप्रयोग की कोई मंशा नही थी, पर जब पुलिस पर ही पथराव और धातु की छड़ों से हमला हुआ तो हमें ‘हिंसक तत्वों’ के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी.

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उल्लेखनीय है कि यह मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. माना जाता है कि इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद ने यहां नमाज पढ़ी थी, लेकिन के पास ही टेंपल माउंट और वेस्टर्न वॉल भी हैं. टेंपल माउंट वो जगह है जहां यहूदी, इसाई और मुसलमान हजार सालों से पूजा करते आ रहे हैं.

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