फ्रांस की राजधानी पेरिस के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक नॉत्रे डेम कैथेड्रल में सोमवार को भीषण आग लगने से भारी नुकसान होने की सूचना मिल रही है. आग की इस घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक फायर फाइटर्स ने इस आग पर अब काबू पा लिया है. इस घटना में अब तक किसी के जान-माल के नुकसान होने की कोई जानकारी नहीं मिली है.
पेरिस के बीचोबीच स्थित मध्ययुगीन नॉत्रे डेम कैथेड्रल में सोमवार दोपहर को भीषण आग लग गई.
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने किया ट्वीट
इस घटना के चलते राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपना टीवी संदेश निरस्त कर दिया. वहीं पेरिस के मेयर ऐनी हिडाल्गो ने एक ट्वीट में इसे भयानक आग बताया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि नॉत्रे डेम को फिर से बनाया जायेगा. फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों का कहना है कि जो सबसे बुड़े हालात हो सकते थे उससे इसे बचा लिया गया.
नॉत्रे डेम कैथेड्रल की आग पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट कर कहा कि हमारी लेडी ऑफ पेरिस आग की लपटों में है ये एक संपूर्ण राष्ट्र की भावना का प्रतीक है. इस मौके पर सभी देशवासियों की तरह, हम भी आज रात दुखी हैं क्योंकि हममें से यह हिस्सा जल गया है.
नॉत्रे डेम कैथेड्रल का शिखर जलकर खाक
हालांकि इस भीषण आग से कैथेड्रल का शिखर जल कर खाक हो चुका है मगर राहत की बात ये है कि नॉत्रे डेम का मुख्य स्ट्रक्चर अभी सही सलामत है. पेरिस फायर विभाग के अधिकारीयों ने इस बात की जानकारी दी. पेरिस के डिप्टी महापौर ने कहा है कि आग लगने के कारण गिरजाघर का शिखर टूट गया.
इस भयानक आग पर काबू पाने के लिए 400 फायर फाइटर्स की टीम लगी हुई थी. उनके अथक प्रयास से इस आग पर काबू पाया जा सका.
पेरिस में सीन नदी पर स्थित नॉत्रे डेम कैथेड्रल में लगी भीषण आग को देखने सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक लोग अपने स्मार्ट फोन पर इस घटना का वीडियो बनाया. बड़ी संख्या में लोग अपनी आंखों से इस ऐतिहासिक धरोहर को जलते देखते रहे.
कैथेड्रल के प्रवक्ता ने बताया कि गिरिजाघर ईस्टर की तैयारियां कर रहा था. साथ ही उन्होंने कहा कि छत पर लगे लकड़ी के ढांचे से यह आग लगभग सोमवार रात 10:20 बजे लगी.
अग्निशमन विभाग के अधिकारीयों के मुताबिक यहां पर रेनोवेशन का काम चल रहा था, हो सकता है इसी कारण आग लगने की घटना घटी हो. इसके कुछ हिस्सों को सुरक्षा कारणों से ढ़क दिया गया था, जबकि कांस्य की मूर्तियों को पिछले सप्ताह काम के लिए यहां से हटा दिया गया था. आपको बता दें कि 12 वीं शताब्दी के इस कैथेड्रल को देखने हर साल लाखों पर्यटकों यहां आते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)