पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। परवेज मुशर्रफ का दिल्ली से पुराना नाता रहा है।
परवेज मुशर्रफ का 1943 में नहर वाली हवेली में जन्म हुआ था। यह हवेली पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में गोल मार्केट में प्रताप गली में स्थित है। परवेज ने विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने से पहले अपने जीवन के शुरुआती चार साल यहीं बिताए थे।
नहर वाली हवेली को परवेज के दादा काजी मोहतशिमुद्दीन ने खरीदा था। परवेज के दादा ने यह हवेली तब खरीदी थी जब वह पंजाब में एक सरकारी अधिकारी के पद से सेवानिवृत्ति हो गए थे। मुशर्रफ के पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक किया था और उन्होंने पाकिस्तान चले जाने के बाद विदेश मंत्रालय में नौकरी कर ली, जबकि उनकी मां पाकिस्तान में एक शिक्षक बन गईं।
इस हवेली में वर्तमान में 15 से अधिक परिवार रह रहे हैं, जिनमें मुशर्रफ के कुछ रिश्तेदार भी शामिल हैं जिन्होंने विभाजन के वक्त भारत में ही रहना पसंद किया था।
हवेली का एक हिस्सा दरियागंज के प्रसिद्ध गोलचा सिनेमा का हिस्सा है। लोगों का कहना है कि मूल हवेली भीड़भाड़ वाले फैज बाजार इलाके में कूचा सादुल्लाह खान में फैले एक विशाल परिसर के ऊपर बनाई गई थी। मुगल स्थापत्य शैली में बना यह चार मंजिला परिसर 700 वर्ग गज में फैला हुआ था।
हवेली अब एक आवासीय परिसर में परिवर्तित हो गई है जिसमें दुकानें, घर और कमर्शियल परिसर शामिल हैं। साल 2005 में, मुशर्रफ की मां जरीन भी अपने बेटे जावेद और मुशर्रफ के बेटे बिलाल के साथ उनके पुश्तैनी घर गई थीं।
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