पाकिस्तान के पेशावर में एक सिख युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ये घटना पेशावर के चमकनी पुलिस थाने की है. जानकारी के मुताबिक, 25 साल का परविंदर सिंह कुछ सामान खरीदने बाजार गया था, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने सरे आम गोली मार दी. परविंदर सिंह का भाई हरमीत सिंह पेशावर में पत्रकार और न्यूज एंकर है.
इससे पहले पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे में हमले का मामला सामने आया था. भीड़ ने शुक्रवार को गुरुद्वारे को घेर लिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी.
हरमीत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यहां केस को दबा दिया जाता है, जब तक ऊपर से ऑर्डर नहीं आता. हम अल्पसंख्यक लोग थोड़े से बचे हैं. हम लोगों के लिए हजारों-करोड़ों रुपये की फंडिंग आती है. लेकिन सब दबा ली जाती है. पाकिस्तान सरकार जब तक मेरे भाई के कातिलों को नहीं पकड़ लेती, तब तक मैं चैन से नहीं रह पाउंगा."
हर साल हमे लाशें उठाती पड़ती है. मेरी आपसे गुजारिश है कि आप सभी लोग अल्पसंख्यक की आवाज बने. मीडिया को हमारा साथ देना चाहिए.हरमीत सिंह, मृतक का भाई
भारत ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत पाकिस्तान सरकार से अनुरोध करता है कि वह इन जघन्य कृत्यों के अपराधियों को पकड़ने और उन्हें सजा देने के लिए तत्काल कार्रवाई करें.’
ननकाना साहिब की घटना निंदनीय: इमरान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे के बाहर भीड़ के उपद्रव की निंदा करते हुए कहा है कि यह घटना उनकी सोच के खिलाफ है. आरोप है कि गुरुद्वारे पर भीड़ ने पथराव किया गया था हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इससे इनकार करते हुए कहा है कि गुरुद्वारे को निशाना नहीं बनाया गया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस पर लीपापोती करने की कोशिश की और घटना को आश्चर्यजनक रूप से दो मुस्लिम समूहों के बीच की ही तकरार करार दिया और कहा कि हालात पर जल्द ही काबू पा लिया गया.
लेकिन, रविवार को इमरान के ट्वीट ने साफ कर दिया कि ननकाना साहिब में सिख समुदाय को निशाना बनाया गया था. इमरान ने अपने ट्वीट में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों के प्रति उनकी सोच के खिलाफ है. हालांकि, इमरान इस निंदा में भी भारत का नाम घसीटने से नहीं चूके.
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