प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अमेरिका के दौरे पर हैं, 21 जून, उनके दौरे का दूसरा दिन रहा. कई लोग इस यात्रा को टर्निंग पॉइंट बता रहे हैं. इस दौरान भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों, व्यापार और निवेश पर चर्चा प्रमुख एजेंडा है.
यात्रा के हाईलाइट्स
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने डीएमवी क्षेत्र में स्थित एक भारतीय नृत्य स्टूडियो, स्टूडियो धूम के युवा नर्तकियों के एक विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए.
राष्ट्रपति बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को गिफ्ट्स दिये. आधिकारिक उपहार, 20वीं सदी की शुरुआत की एक हस्तनिर्मित, प्राचीन अमेरिकी पुस्तक गैली थी, जो शिल्प कौशल और साहित्यिक विरासत का प्रतीक है.
पीएम मोदी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र (UN) मुख्यालय में योग दिवस समारोह का नेतृत्व करके की. संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में, मोदी ने दुनिया भर के देशों से आए प्रतिनिधियों के साथ गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाई, क्योंकि यह पहला ऐसा योग का कार्यक्रम था, जिसमें एक ही जगह पर अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि शामिल थे. इसके बाद वे वाशिंगटन के लिए रवाना हुए.
वॉशिंगटन पहुंचने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रवासियों द्वारा स्वागत किया गया और वॉशिंगटन में संयुक्त एंड्रयूज वायु सेना बेस पर भारतीय और अमेरिकी राष्ट्रगान बजाया गया.
प्रथम महिला जिल बाइडेन मोदी को अलेक्जेंड्रिया में वर्जीनिया के राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन मुख्यालय लेकर गई. प्रथम महिला और प्रधानमंत्री मोदी दोनों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के छात्रों के साथ बातचीत की. जिल बाइडेन ने कहा, "इस आधिकारिक यात्रा के साथ, हम दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों को एक साथ ला रहे हैं."
वर्जीनिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "स्किल इंडिया के तहत, हमने AI, ब्लॉकचेन, ड्रोन और अन्य क्षेत्रों में 50 मिलियन से अधिक लोगों को कुशल बनाया है."
मोदी ने सेमीकंडक्टर दिग्गज माइक्रोन के CEO संजय मेहरोत्रा, जनरल इलेक्ट्रिक के सीईओ लॉरेंस कल्प जूनियर और एप्लाइड मैटेरियल्स के सीईओ गैरी डिकर्सन सहित शीर्ष व्यापारिक नेताओं से मुलाकात की.
दर्जनों अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडेन को लिखा और कहा कि मोदी के साथ मानवाधिकार के मुद्दों को उठाया जाना चाहिए, इस पर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन भारत में गिरते लोकतंत्र के मुद्दे को उठाएंगे, लेकिन वह इस विषय पर नरेंद्र मोदी को कुछ नहीं कहेंगे.
वहीं वर्मोंट के सेनेटर बर्नी सैंडर्स ने कहा कि, "पीएम मोदी की सरकार ने प्रेस और नागरिकों पर नकेल कसी है, राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाला है और आक्रामक हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया है, जो भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए ठीक नहीं है."
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