पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वियतनाम की यात्रा पर जाने वाले हैं. वियतनाम के बाद मोदी जी-20 सम्मेलन में भाग लेने चीन जाएंगे. दरअसल, पहले वियतनाम की यात्रा कर मोदी चीन को कड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं.
वियतनाम और चीन का दक्षिण चीन सागर को लेकर गहरा विवाद है. पिछले 15 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली वियतनाम यात्रा है.
वियतनाम दौरे पर पीएम मोदी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड से संबंधित नए करार कर सकते हैं. ओएनजीसी 30 साल से ज्यादा समय से वियतनाम में तेल निकालने के क्षेत्र में सक्रिय है.
मोदी करेंगे शी जिनपिंग से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के साथ-साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अलग से मीटिंग भी करेंगे. इसमें आतंकवाद की फंडिंग, टैक्स रिफॉर्म और जलवायु जैसे मुद्दे अहम होंगे.
रिपोर्टों की मानें, तो इस दौरे में एनएसजी को लेकर एक बार फिर सुगबुगाहट तेज की जा सकती है. अगस्त में एनएसजी मुद्दे पर चीन के विरोद के चलते भारत इस ग्रुप का सदस्य नहीं बन पाया था. लेकिन बाद में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत दौरे पर इस विषय में बात आगे बढ़ाई थी.
इस दौरान पाकिस्तान में बनने वाले पाक-चीन इकोनॉमिक कारिडोर के बारे में भी प्रधानमंत्री मोदी अपनी बात रख सकते हैं.
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