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G-7 शिखर सम्मेलन में PM मोदी और बाइडेन की मुलाकात पर क्या बोला US?

यह G-7 शिखर सम्मेलन में भारत की 11वीं भागीदारी और नरेंद्र मोदी की पांचवीं लगातार भागीदारी होगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर 13 जून को इटली जाएंगे. इटली ने भारत को 14 जून को G-7 शिखर सम्मेलन में आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया है. यह G-7 शिखर सम्मेलन इटली के अपुलिया स्थित बोर्गो एग्नाजिया रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित किया जाएगा.

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मोदी-बाइडेन मुलाकात की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिलने की उम्मीद जताई गई है. व्हाइट हाउस ने बुधवार को यह जानकारी दी. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "उन्हें (बाइडेन) उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात होगी. हालांकि, भारतीय पक्ष को औपचारिक रूप से इसकी पुष्टि करनी होगी, लेकिन हमें उम्मीद है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो सकती है."

बाइडेन ने PM मोदी को दी बधाई

सुलिवन ने यह भी बताया कि बाइडेन ने मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देने के लिए फोन पर बात की थी. "राष्ट्रपति बाइडेन ने पेरिस में हमारे दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की और उन्हें चुनाव परिणाम पर बधाई दी."

दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात पिछले साल अबू धाबी में आयोजित COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी.

अन्य नेताओं से भी मिलेंगे मोदी

इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पुष्टि की कि मोदी G-7 के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे, साथ ही आउटरीच देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. क्वात्रा ने कहा, "यह उन्हें भारत और वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर अन्य विश्व नेताओं के साथ बातचीत का अवसर भी प्रदान करेगा."

यह G-7 शिखर सम्मेलन में भारत की 11वीं भागीदारी और नरेंद्र मोदी की पांचवीं लगातार भागीदारी होगी.

कौन से मुद्दे प्रमुख?

इस बार G-7 की अध्यक्षता इटली कर रहा है और सम्मेलन की मेजबानी उसी के द्वारा की जा रही है. इटली ने अपने अध्यक्षता काल में अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के नियमों की रक्षा पर जोर दिया है, जिसे रूस के यूक्रेन पर आक्रमण ने खतरे में डाल दिया है.

इस शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में जारी युद्ध और गाजा में संघर्ष प्रमुख मुद्दे होंगे.

वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

शिखर सम्मेलन में मध्य पूर्व के संघर्ष और उसके वैश्विक प्रभाव पर भी चर्चा होगी. 1997 से 2013 तक रूस के शामिल होने से यह समूह G-8 में बदल गया था, लेकिन 2014 में क्रीमिया के अधिग्रहण के बाद रूस की भागीदारी निलंबित कर दी गई थी.

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