प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार 24 मई को टोक्यो (Tokyo) में क्वाड नेताओं की दूसरी इन पर्सनल बैठक में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने कहा कि क्वाड ने कम समय में ग्लोबल स्टेज पर एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है. क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad Summit) में पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Jo Biden), जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी शामिल हो रहे हैं.
क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले भारत सोमवार, 23 मई को जापान में इंडो-पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) में शामिल हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टोक्यो में व्यापार साझेदारी के शुभारंभ में शामिल हुए थे.
IPEF को अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने टोक्यो में लॉन्च किया गया था, जिसमें एक दर्जन राष्ट्र शुरूआती भागीदार थे: ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम
एशियाई देशों की साझेदारी का उद्देश्य चीन के आर्थिक प्रभुत्व का मुकाबला करना है. 13 देश मिलकर दुनिया के जीडीपी का 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं.
क्वाड समिट पर पीएम मोदी ने कहा कि, "क्वाड ने इतने कम समय में दुनिया के सामने अपने लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है. आज क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है, इसका रूप प्रभावी है. हमारा आपसी विश्वास और हमारा संकल्प लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है."
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "कोविड की प्रतिकूल स्थिति के बावजूद, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए हमने वैक्सीन वितरण, जलवायु कार्रवाई, सप्लाई चैन में लचीलापन, आपदा प्रतिक्रिया, आर्थिक सहयोग और अन्य क्षेत्रों के लिए अपना कोर्डिनेशन बढ़ाया है." मोदी ने आगे कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा हम सबकी पहली प्राथमिकता है.
जहां एक ओर जापान के पीएम और अमेरिका के राष्ट्रपति ने रूस यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए यूक्रेन की निंदा की है तो वहीं भारत ने क्वाड सम्मेलन में इसपर खामोशी बनाई रखी है.
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