ब्रिटेन में दिन-प्रति-दिन राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है. प्रधान मंत्री पद से बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों में पीएम बनने की रेस शुरु हो गई. अब तक दो राउंड के नतीजे आ चुके हैं. दाेनों ही राउंड में भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) सबसे आगे रहे हैं. इस समय पीएम की रेस में पांच चेहरे ही बचे हैं. सुनक के अलावा इस रेस में अब पेनी मोरडुएंट (Penny Mordaunt), लिज ट्रस (Liz Truss), केमी बाडेनोक (Kemi Badenoch) और टॉम टुगेनडैट (Tom Tugendhat) शामिल हैं. आइए जानते हैं ब्रिटेन में पीएम की गद्दी तक पहुंचने का पूरा गणित...
पहले एक नजर दूसरे राउंड के परिणाम पर
दूसरे चरण के मतदान में ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को पार्टी के 101 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ, सुनक को उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी पेनी मोरडुएंट से 18 वोट ज्यादा प्राप्त हुए. दूसरे चरण में दूसरे स्थान पर रहने वाली पेनी मोरडुएंट को 83 वोट मिले. वहीं 64 वोटों के साथ लिज ट्रस तीसरे स्थान पर रहीं जबकि केमी बाडेनोक 49 वोट के साथ चौथे और 32 वोट के साथ टॉम टुगेनडैट पांचवे स्थान पर रहे. सुएला ब्रेवरमैन को सबसे कम 27 वोट मिले. जिसके वजह से वह पीएम की दौड़ से बाहर हो गई हैं. इस प्रकार अब ब्रिटेन में प्रधान मंत्री की गद्दी के लिए चल रही रेस में केवल पांच चेहरे बचे हैं.
अगले चरण का मतदान कब होगा?
अगले चरण (राउंड) की वोटिंग अगले सप्ताह सोमवार, 18 जुलाई को होगी.
गद्दी तक पहुंचने का पूरा गणित क्या है?
बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के लिए चुनाव नहीं होंगे, क्यों निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में कंजर्वेटिव पार्टी के पास पहले से ही बहुमत है. 650 सदस्यों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत का जादुई आंकड़ा 326 का है. जबकि कंजर्वेटिव पार्टी के पास 358 सांसद हैं. वहीं मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के पास 200 सदस्य हैं.
यह कोई चुनाव नहीं है बल्कि पार्टी के में ही नए पीएम की रेस है. इसमें कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर ही उम्मीदवारों के बीच दौड़ चल रही है. पार्टी में से जो सबसे ज्यादा वोट हासिल करेगा वो पीएम की गद्दी तक पहुंचेगा.
12 जुलाई को नए लीडरशिप की रेस शुरु हो गई थी. जब नॉमिनेशन की शुरुआत हुई थी, इसी दिन नॉमिनेशन की प्रकिया बंद भी हुई थी. नॉमिनेशन में उम्मीदवार की घोषणा की जाती है. जिसे उम्मीदवारी पेश करनी होती है उसके पास कम से कम 20 सांसदों का समर्थन होना जरूरी है.
इसके बाद उम्मीदवार को कम से कम 30 वोट की जरूरत अगले राउंड या चरण में जाने के लिए होती है. इसके पार्टी के सांसद गुप्त मतदान करते हैं. ये वोटिंग राउंड तक तक चलते हैं जब तक आखिरी के दो कैंडिडेट (उम्मीदवार) नहीं रह जाते.
इसके बाद अंत में बचे हुए दोनों उम्मीदवारों को हस्टिंग्स और डिबेट्स का सामना करना पड़ता है.
इसके बाद अंत में पोस्टल बैलेट होगा जिसमें कंजर्वेटिव पार्टी के सभी सदस्य हिस्सा लेते हैं. इस चुनाव में जिसे बहुमत मिलता है वो 10 डाउन स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास) पहुंचता है और पीएम की गद्दी पर बैठता है. 2019 में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों की संख्या 1 लाख 80 हजार थी.
ब्रिटेन के अगले प्रधान मंत्री की घोषणा 5 सिंतबर को की जाएगी.
रेस से अब तक कौन-कौन बाहर हुए?
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि ब्रिटेन में प्रधान मंत्री पद के लिए नामित होने के लिए कम से कम पार्टी के 20 सांसदों की जरूरत होती है ऐसे में 12 जुलाई को नामांकन प्रक्रिया बंद होने के बाद आठ दावेदारों के नाम सामने आए थे.
इन आठ दावेदारों में ये नाम शामिल थे :-
ऋषि सुनक
पेनी मोरडुएंट
लिज ट्रस
केमी बाडेनोक
टॉम टुगेनडैट
सुएला ब्रेवरमैन
नाधिम जहावी
जेरेमी हंट
पहले राउंड की छंटनी में नाधिम जहावी और जेरेमी हंट बाहर हुए जबकि दूसरे राउंड की छंटनी में सुएला ब्रेवरमैन जगह नहीं बना पाईं. अभी आगे और भी राउंड होंगे जिसमें बचे हुए 5 में से 3 दावेदार बाहर होंगे.
नॉमिनेशन प्रक्रिया समाप्त होने से कुछ समय पहले ही पाकिस्तानी मूल के दो उम्मीदवारों-पूर्व स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद और विदेश कार्यालय के मंत्री रहमान चिश्ती ने पीएम की रेस से अपने नाम वापस ले लिए थे, क्योंकि वे 20 सांसदों का समर्थन नहीं जुटा पाए थे.
अब तक आगे चलने वाले सुनक के PM बनने की उम्मीद कितनी है?
अब तक दो राउंड के परिणाम सामने आ चुके हैं, दोनों में ही सुनक सबसे आगे रहे हैं. इन परिणामों के देखकर यह उम्मीद लगाई जा रही है कि ब्रिटेन के पीएम सुनक हो सकते हैं. लेकिन यह इतना आसान नहीं है.
सुनक के लिए अभी भी आगे की राह आसान नहीं है. उन्हें अभी और वोटिंग का सामना करना है. इस समय पीएम की रेस में पांच चेहरे हैं, इनमें से तीन बाहर होंगे यानी अभी भी सुनक को तीन राउंड में 358 कंजर्वेटिव सांसदों के बीच खुद को साबित करने की चुनौती है. जब दो उम्मीदवार बचेंगे तब एक बार फिर सुनक को सभी कंजर्वेटिव मेंबर के बीच अपने आप को स्वीकार्य बनाना होगा.
अगले सप्ताह सोमवार, मंगलवार और बुधवार को वोटिंग होगी. हर बार सबसे कम वोट पाने उम्मीदवार बाहर होते चले जाएंगे. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि 21 जुलाई तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.
जब कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के लिए सिर्फ 2 दावेदार रह जाएंगे, वे देशभर में जाकर कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों से वोट मांगेंगे. इसके बाद आखिरी चुनाव होगा और 5 सितंबर को कंजर्वेटिव पार्टी के लीडर और ब्रिटेन के नए पीएम का ऐलान किया जाएगा.
सट्टेबाज किस पर दांव लगा रहे हैं?
ब्रिटेन में सट्टेबाज कंपनियां भी दावेदारों की अपनी सूची जारी करती हैं और लोग ऑनलाइन सट्टा लगाकर अपना पसंदीदा लीडर चुनते हैं. बेटफेयर (betfair) एक्सचेंज में यूके पार्टी लीडर्स- कंजर्वेटिव पार्टी के अगले लीडर की जो बेटिंग लिस्ट है उसमें लोगों की पहली पसंद पेनी मोरडुएंट बनी हुई हैं. उसके बाद सुनक और ट्रस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. ये दोनों नाम दूसरे और तीसरे स्थान पर उलट-पुलट कर रहे हैं. चौथे पायदान पर केमी और पांचवें पर टॉम हैं.
सर्वे में भी पेनी से पीछे हैं सुनक
YouGov द्वारा आम जनता के बीच कराए गए सर्वे आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में पेनी मोरडुएंट आम लोगों के बीच ज्यादा मान्यता प्राप्त और अधिक पसंदीदा राजनेता बन गई हैं.
YouGov द्वारा 13 जुलाई को कंजरवेटिव पार्टी के 879 सदस्यों के बीच कराए गए सर्वे में भी पेनी सबसे पसंदीदा रहीं. 879 में से 27 फीसदी की पसंद पेनी रहीं, 15 फीसदी की पसंद केमी रहीं, तीसरे स्थान पर रहने वाले सुनक 13 फीसदी सदस्यों ने पसंद किया वहीं ट्रस को भी 13 फीसदी सदस्यों ने अपनी पसंद बताया.
पार्टी का सबसे अच्छा लीडर कौन होगा? इस सवाल को लेकर जब सर्वे किया गया तो उसमें भी पेनी को कंजर्वेटिव सदस्यों ने अपनी पसंद माना. 879 सदस्यों के बीच कराए गए इस सर्वे में 73 फीसदी का मत यह रहा कि पेनी अच्छा लीडर बनेंगी जबकि 63 फीसदी ने ट्रस को बेहतर विकल्प माना वहीं केवल 51 फीसदी को ही यह लगता है कि सुनक एक बढ़िया लीडर होंगे.
जरूरी नहीं कि आगे रहने वाला ही लीडर बने
ब्रिटेन की लीडरशिप में ऐसे नेताओं की लंबी लिस्ट है जो सट्टेबाजों की पहली पसंद नहीं थे फिर भी लीडर बने. यानी जरूरी नहीं कि जिस पर दांव लग रहा हो वहीं लीडर बने. जब से कंजर्वेटिव पार्टी की सलेक्शन प्रक्रिया शुरु हुई है तब से एलेक डगलस-होम, मार्गरेट थैचर, जॉन मेजर, डेविड कैमरन और थेरेसा मे सहित कुछ ऐसे नाम है जो सट्टेबाजों की ना पसंद के बावजूद भी प्रधान मंत्री के पद पर बैठे हैं.
सुनक के खिलाफ अभियान
संडे टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक कंजरवेटिव पार्टी के ही कई सांसदों ने ऋषि सुनक की इमेज खराब करने के लिए प्रचार किया है. इनमें ज्यादातर सांसद पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. टोरी पार्टी (कंजर्वेटिव पार्टी) के व्हाट्स एप ग्रुपों पर सुनक के खिलाफ दुष्प्रचार वाले दस्तावेज (“mucky memo” या “dirty dossier”) शेयर किए गए हैं.
संडे टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार सुनक पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं उनको "स्कूल बॉय" और "झूठा" कहा जा रहा है.
memo में ऋषि को यह कहते हुए व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया गया है कि वह सार्वजनिक रूप से जब अपनी पत्नी अक्षता के टैक्स संबंधी मामलों पर बात करते हैं तो वह झूठ बोल रहे होते हैं. टोरी पार्टी के व्हाट्स एप ग्रुपों में यह मेमो या डोजियर तेजी से फैला है.
सुनक पर आरोप लगाया गया कि उनका एजेंडा है, ज्यादा टैक्स लगाओ और ज्यादा खर्च करो. जिस दिन सुनक ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणी थी, उसी दिन जॉनसन के कार्यालय से एक बयान जारी किया गया था जिसमें मीडिया से कहा गया कि सुनक विश्वासघाती हैं. वहीं फाइनेंशियल टाइम्स में भी जॉनसन कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री ने ऋषि सुनक के लिए विश्वासघात शब्द का इस्तेमाल किया था.
मिनिस्टर जैकब रीस मोग और कल्चर सचिव नादिन डोरिस, दाेनों ही ट्रास को सपोर्ट कर रहे हैं. ये दोनों बोरिस जॉनसन के काफी खास थे, इसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जॉनसन खेमा सुनक के खिलाफ है. वहीं सुनक के पास उप प्रधान मंत्री डॉमिनिक रैब और ग्रांट शाप्स (पूर्व परिवहन सचिव जिन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी) का समर्थन है.
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