ADVERTISEMENTREMOVE AD

Rishi Sunak: पत्नी अक्षता के टैक्स से लेकर 'कोक' के नशे तक- सुनक से जुड़े 5 विवाद

Rishi Sunak's controversies: सात सालों में सांसद से प्रधानमंत्री बने ऋषि सुनक

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के नए लीडर की रेस जीतने के बाद ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बनने को तैयार हैं. पीएम पद पर केवल 45 दिन के कार्यकाल के बाद लिज ट्रस ने इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ऋषि सुनक ने केवल सात सालों में सांसद से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया है. लेकिन एक बिजनेसमैन से लेकर 10 डाउनिंग स्ट्रीट (पीएम हाउस) तक का यह सफर भी विवादों से परे नहीं था. यहां हम लेकर आए हैं ऋषि सुनक के राजनीतिक करियर के 5 ऐसे ही विवाद.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति से जुड़ा टैक्स विवाद

2022 की शुरुआत में पीएम जॉनसन बोरिस की पकड़ कमजोर होने के साथ उनकी सरकार में वित्त मंत्री ऋषि सुनक को उनका उत्तराधिकारी बताया जा रहा था, लेकिन पहले उनके विवादस्पद मिनी बजट और फिर उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति से जुड़े टैक्स विवाद ने उन्हें इस रेस में पीछे कर दिया. अप्रैल महीने में यह पता चला कि उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ने नॉन-डॉमिसाइल्ड यूके निवासी की हैसियत से अपनी अंतरराष्ट्रीय आय पर ब्रिटेन के अंदर £20 मिलियन (करीब 197 करोड़ रुपये) तक का टैक्स बचा गयीं.

अक्षता ने कहा था कि नॉन-डॉमिसाइल्ड यूके निवासी होने के कारण उन्हें यूके में विदेशी आय पर टैक्स का भुगतान करने से छूट है. उनके प्रवक्ता ने द गार्जियन को बताया कि "अक्षता मूर्ति भारत की नागरिक हैं और भारत अपने नागरिकों को एक साथ दूसरे देश की नागरिकता रखने की अनुमति नहीं देता है. इसलिए, ब्रिटिश कानून के अनुसार, अक्षता मूर्ति नॉन-डॉमिसाइल्ड यूके निवासी हैं.

द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपने पिता नारायण मूर्ति की कंपनी- इंफोसिस- में अपने शेयर से लगभग 54.5 मिलियन पाउंड का लाभांश कमाया था. अपनी नॉन-डॉमिसाइल स्थिति के कारण, वह यूके में लगभग £20 मिलियन का टैक्स बचा गयीं. बता दें कि जो लोग पिछले नौ वित्तीय सालों में से कम से कम सात सालों तक यूके में रहे हैं, उन्हें सरकार को प्रति साल £30,000 का भुगतान करना होता है. अक्षता मूर्ति ने केवल यही हिस्सा सरकार को दिया था.

इसपर खूब बवाल हुआ था और उनके प्रवक्ता ने घोषणा की कि वह अपने पति पर राजनीतिक दबाव को दूर करने के लिए अपनी विदेशी कमाई पर टैक्स का भुगतान करना शुरू कर देंगी.

गरीबों से लेकर अमीरों की मदद- लीक वीडियो पर बवाल 

एक लीक वीडियो में, ऋषि सुनक ने टुनब्रिज वेल्स में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के सामने दावा किया था कि उन्होंने अमीर शहरों की मदद के लिए "वंचित शहरी क्षेत्रों" से सार्वजनिक धन लिया. न्यू स्टेट्समैन के फुटेज में, ऋषि सुनक को यह कहते सुना गया कि: "हमें लेबर पार्टी से फार्मूलों का एक ग्रुप विरासत में मिला, जिसने सभी फंडिंग को वंचित शहरी क्षेत्रों में भेज दिया था" फिर सुनक ने इस तथ्य के बारे में दावा किया कि उन्होंने चांसलर के रूप में उन नीतियों को उलटना शुरू कर दिया था. इस वीडियो के सामने आने के बाद बहुत बवाल हुआ था.

'कोक एडिक्ट'

"मैं एक कोक का दीवाना हूं, मैं कुल कोक का दीवाना हूं," ऋषि सुनक ने एक बार स्कूल के दो स्टूडेंट के साथ एक इंटरव्यू में कहा यह कि 'मुझे कोक का नशा है, मुझे पूरी तरह कोक का नशा है" (I am a Coke addict, I am a total Coke addict). हालांकि उन्होंने तुरंत अपने आप को सुधारते हुए स्पष्ट किया कि उनका मतलब कोका-कोला से था. लेकिन यह वीडियो खूब वायरल हुआ.

बता दें कि ऋषि सुनक संभवतः डेविड लॉयड जॉर्ज के बाद यूके के पहले टीटोटल प्रधानमंत्री होंगे यानी जो एल्कोहॉल ड्रिंक नहीं करते होंगे. कोका-कोला सुनक का पसंदीदा ड्रिंक माना जाता है. 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

जब कम अमीर दिखने के लिए दूसरे की कार लेकर आये थे सुनक 

ऋषि सुनक पर पेट्रोल की कीमत में कटौती के लिए पीआर स्टंट के दौरान कम अमीर होने का नाटक करने का आरोप लगाया गया था. सुनक कैमरों के सामने लाल रंग की किआ कार में पेट्रोल भरते दिखे लेकिन बाद में दावा किया गया कि वह कार वास्तव में सेन्सबरी के सर्विस स्टेशन के एक कर्मचारी की थी. बाद में ऋषि सुनक ने इस आरोप को स्वीकार भी किया.

ऋषि सुनक ने एक बार कहा था- मेरा वर्किंग क्लास से कोई दोस्त नहीं

2001 में आई 'मिडिल क्लासेस: देयर राइज एंड स्प्रेल' नाम की बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में, युवा सनक ने अपने कुलीन दोस्तों और अपनी विशेषाधिकार प्राप्त शिक्षा के बारे में बात की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि "मेरे पास ऐसे दोस्त हैं जो कुलीन हैं, मेरे दोस्त हैं जो उच्च वर्ग के हैं, मेरे पास ऐसे दोस्त हैं जो वर्किंग क्लास हैं ... अच्छा, वर्किंग क्लास से नहीं हैं"

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×