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Russia election: पुतिन की पार्टी बहुमत के करीब, चुनावी फ्रॉड के लग रहे आरोप

यूनाइटेड रशिया पार्टी के लिए यह जोरदार जीत के बराबर है लेकिन यह 2016 के चुनाव की तुलना में एक कमजोर प्रदर्शन

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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का समर्थन करने वाली रूस (Russia) की सत्ताधारी ‘यूनाइटेड रशिया पार्टी’ ने तीन दिन तक चले चुनाव (election) के बाद संसद में अपना बहुमत बरकरार रखने का दावा किया है.

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90% वोट्स की गिनती के बाद, यूनाइटेड रशिया को लगभग 50% वोट मिले हैं जबकि कम्युनिस्ट पार्टी 20% वोट ही अपने पाले में कर पायी. नेशनलिस्ट LDPR पार्टी लगभग 7.5 % वोट के साथ तीसरे स्थान पर है.

हालांकि यूनाइटेड रशिया पार्टी के लिए यह एक जोरदार जीत के बराबर है लेकिन यह 2016 में पिछली संसदीय चुनाव की तुलना में उसके लिए एक कमजोर प्रदर्शन होगा क्योंकि तब पार्टी को अकेले 54% से अधिक वोट मिले थें.

जेल में बंद क्रेमलिन (रूसी सरकार के लिए प्रयोग होने वाला टर्म) के आलोचक एलेक्सी नवलनी द्वारा रूसी जनता के खराब जीवन स्तर और सरकार में फैले व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों ने यूनाइटेड रशिया पार्टी के कुछ समर्थन को समाप्त कर दिया है. इसके अलावा नवलनी के सहयोगियों द्वारा इस चुनाव में चलाये गए मजबूत चुनावी अभियान ने उसे और नुकसान पहुंचाया है.

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चुनावी फ्रॉड के लग रहें आरोप

चुनाव में बैलेट स्टफिंग और जबरन वोटिंग के कई आरोप लगे हैं. ऑनलाइन वायरल हो रहे कई वीडियो में लोग बैलेटबॉक्स में पर्ची ठूसते (स्टफिंग) करते दिख रहे हैं. लेकिन रूस के चुनाव आयोग ने व्यापक गड़बड़ी के दावों को खारिज कर दिया है.

1993 के बाद पहली बार आर्गेनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड कोऑपरेशन इन यूरोप (OSCE) के इलेक्शन आब्जर्वर चुनाव की निष्पक्षता देखने के लिए मौजूद नहीं थे क्योंकि रूसी अधिकारियों ने उनपर पाबंदियां लगायी हैं.

सरकार के आलोचकों का कहना है कि यह चुनाव सिर्फ एक दिखावा था और अगर एक निष्पक्ष चुनाव हुआ होता तो यूनाइटेड रशिया बहुत खराब प्रदर्शन करती. आलोचकों के दावों को सरकार की तरफ से चुनाव पूर्व कार्रवाईयों ने बल दिया है. सरकार ने नवलनी के आंदोलन को प्रतिबंधित कर दिया,उनके सहयोगियों को चुनाव में खड़े होने से रोक दिया और महत्वपूर्ण मीडिया संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों को सरकारी एजेंसियों ने टारगेट किया .

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क्रेमलिन राजनीतिक कारणों से आलोचकों पर कार्रवाई से इनकार करता रहा है . सरकार का कहना है कि कानून तोड़ने वाले व्यक्तियों पर ही मुकदमा चलाया गया है.

चुनाव परिणामों का नहीं होगा जमीन पर कोई असर

रूस में हुए इस चुनाव का परिणाम चाहे जो हो, इसमें वहां राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की संभावना नहीं है. व्लादिमीर पुतिन 1999 से रूस में राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री के रूप में सत्ता पर काबिज हैं और 2024 में होने जा रहे अगले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही उनकी जीत तय मानी जा रही हैं. पुतिन ने अभी तक यह नहीं कहा है कि वह राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

68 वर्षीय पुतिन रूसी बहुसंख्यक आबादी में एक “कल्ट फिगर” बने हुए हैं, जो उन्हें पश्चिमी देशों के खिलाफ खड़े होने और राष्ट्रीय गौरव को बहाल करने का श्रेय देती है.

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