भारत का मिशन मून (Mission Moon) 23 अगस्त को पूरा होगा, लेकिन उससे पहले रूस (Russia) के चंद्रमा मिशन को बहुत बड़ा झटका लगा है. चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग से एक दिन पहले रूस का स्पेसक्राफ्ट लूना-25 क्रैश (Loona 25 Crash) हो गया है.
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. इस स्पेस्कराफ्ट में शनिवार से ही खामी आने लगी थी और ये चांद की ऑर्बिट में प्रवेश नहीं कर पा रहा था. अब ये क्रैश हो गया है.
यह मिशन 4 दशकों बाद फिर से शुरू हुआ था लेकिन इस बार भी फेल हो गया. 1976 के बाद से चंद्रमा पर मास्को का यह पहला मिशन था.
रूसी एजेंसी ने बताया कि लैंडिंग के दौरान एक "असामान्य स्थिति" के चलते ऑपरेशन फेल हो गया है.
रोस्कोस्मोस ने कहा कि, एक्सपर्ट्स घटना की जांच कर रहे हैं और जल्द ही पता लगा लेंगे की आखिर मिशन फेल कैसे हुआ.
दरअसल रूस के मिशन मून के तहत चांद पर पानी की खोज करना भी शामिल था. साथ ही रूस का लक्ष्य था कि 2040 तक चंद्रमा पर एक बेस स्थापित हो जाए.
वहीं भारत के मिशन मून से अभी भी उम्मीदें हैं और 23 अगस्त को भारत का चंद्रयान-3 चांद की सतह पर शाम 6 बजे के आसपास सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच सकता है.
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