यूक्रेन पर अमेरिका (US) के नेतृत्व वाले NATO गठबंधन के वार्ता के दौरान मॉस्को और वॉशिंगटन के बीच राजनयिक विवाद गहरा गया है. रूस (Russia) और अमेरिका के बीच तनाव दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के मिलने से एक दिन पहले और बढ़ गया है क्योंकि मॉस्को अमेरिकी राजनयिकों (डिप्लोमैट) को निष्कासित करने के लिए आगे बढ़ रहा है.
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बुधवार, 1 दिसंबर को कहा कि अमेरिकी दूतावास के वो कर्मचारी जो तीन साल से अधिक समय से मास्को में हैं, उन्हें 31 जनवरी तक स्वदेश लौटने का आदेश दिया जा रहा है. इस आदेश को स्पष्ट रूप से रूस का जवाबी कदम माना जा रहा है.
अमेरिका में रूस के राजदूत ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि 27 रूसी राजनयिकों और उनके परिवारों को देश से निकाला जा रहा है और वे 30 जनवरी को रूस रवाना होंगे. अब आदेश जारी करने के साथ विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने एक ब्रीफिंग में कहा "हम ... इसी तरह से जवाब देने का इरादा रखते हैं"
अमेरिका- रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक के पहले जवाबी कार्यवाही
रूस की तरफ से यह जवाबी कदम अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच गुरुवार, 2 दिसंबर को स्टॉकहोम में यूरोप सुरक्षा और सहयोग संगठन (OSCE) शिखर सम्मेलन के मौके पर होने वाली संभावित बैठक से पहले आया है. मालूम हो कि इसी समय यूक्रेन पर नाटो वार्ता के कारण सरगर्मी भी तेज है.
मॉस्को में अमेरिकी दूतावास रूस में अंतिम ऑपरेशनल अमेरिकी मिशन है. अमेरिकी दूतावास में जहां 2017 की शुरुआत में लगभग 1,200 कर्मचारी थे वहीं आज यह कम होकर मात्र 120 कर्मचारियों तक सिकुड़ गया है.
रूस के इस आदेश के बाद अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों में और कटौती से अमेरिका की उपस्थिति नाममात्र की हो जाएगी. लेकिन रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा है कि अगर वाशिंगटन अपने आदेश को छोड़ देता है तो मास्को अपनी योजना को रोक देगा.
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