रूस और यूक्रेन (Russia- Ukraine) के बीच एक साल से ज्यादा समय से युद्ध जारी है. इस बीच रूस ने पूर्वी यूक्रेन के बखमुत शहर (Bakhmut City) पर कब्जे का दावा किया है. रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने शनिवार, 20 मई को दावा किया कि उसने यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जा कर लिया है. हालांकि, कीव ने इस दावे को खारिज कर दिया है. कीव ने कहा कि यहां पर स्थिति गंभीर है.
यूक्रेन के बखमुत पर रूसी कब्जे के दावे को कीव ने नकारा:आखिर यह शहर अहम क्यों है?
1. रूस ने बखमुत को लेकर क्या दावा किया?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जा करने का दावा करने के बाद वैगनर अर्धसैनिक समूह को बधाई दी है.
शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में वैगनर के संस्थापक येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) ने अपने कुछ लड़ाकों के साथ फोटो खिंचवाते हुए यह दावा किया.
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में बखमुत शहर को लेकर पिछले साल अगस्त से संघर्ष चल रहा है. इस खूनी जंग में दोनों देश की सेनाओं को भारी नुकसान हुआ है.
रूस की सरकारी मीडिया को दिए बयान में पुतिन ने दावा किया कि रूसी वायु सेना के जेट विमानों द्वारा समर्थित वैगनर सैनिकों ने महीनों की लड़ाई के बाद शनिवार को बखमुत को "आजाद करने का ऑपरेशन" पूरा कर लिया है.
Expand2. यूक्रेन ने रूस के दावों पर क्या कहा?
दूसरी तरफ कीव ने रूस के दावों से इनकार किया है. मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर एक बयान में, यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियार (Hanna Maliar) ने कहा, "बखमुत में भीषण लड़ाई जारी है, स्थिति गंभीर बनी हुई है."
"क्षेत्र के कुछ औद्योगिक और बुनियादी सुविधाओं के साथ ही प्राइवेट सेक्टर पर हमारे सुरक्षाबलों का अभी भी कब्जा है."
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के जापान में G7 नेताओं के साथ बैठक के बीच वैगनर ने ये दावा किया है. जापान में जेलेंस्की ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि,
"यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ा मसला है. इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर है. मैं इसे सिर्फ एक मुद्दा नहीं मानता, बल्कि मेरे लिए यह अर्थव्यवस्था, राजनीति और मानवता का मुद्दा है. भारत और मैं युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे."
Expand3. रूस के लिए कितना अहम है इस क्षेत्र पर कब्जा?
मास्को ने लंबे समय से दावा किया है कि बखमुत पर कब्जा करना डोनबास क्षेत्र में पैठ बनाने की दिशा में उसका एक बड़ा कदम होगा. हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्लेषकों का मानना है कि मास्को के लिए इसका सामरिक महत्व कम है.
पश्चिमी देशों के अधिकारियों का अनुमान है कि बखमुत में 20,000 और 30,000 के बीच रूसी सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं, जबकि यूक्रेन की सेना को भी भारी नुकसान हुआ है.
बता दें कि बखमुत की आबादी कभी 70,000 थी. गोलीबारी और मिसाइल हमलों से यह शहर खंडहर में तब्दील हो चुका है. यहां के लोगों ने दूसरे शहरों या देशों में शरण ली है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
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रूस ने बखमुत को लेकर क्या दावा किया?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जा करने का दावा करने के बाद वैगनर अर्धसैनिक समूह को बधाई दी है.
शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में वैगनर के संस्थापक येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) ने अपने कुछ लड़ाकों के साथ फोटो खिंचवाते हुए यह दावा किया.
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में बखमुत शहर को लेकर पिछले साल अगस्त से संघर्ष चल रहा है. इस खूनी जंग में दोनों देश की सेनाओं को भारी नुकसान हुआ है.
रूस की सरकारी मीडिया को दिए बयान में पुतिन ने दावा किया कि रूसी वायु सेना के जेट विमानों द्वारा समर्थित वैगनर सैनिकों ने महीनों की लड़ाई के बाद शनिवार को बखमुत को "आजाद करने का ऑपरेशन" पूरा कर लिया है.
यूक्रेन ने रूस के दावों पर क्या कहा?
दूसरी तरफ कीव ने रूस के दावों से इनकार किया है. मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर एक बयान में, यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियार (Hanna Maliar) ने कहा, "बखमुत में भीषण लड़ाई जारी है, स्थिति गंभीर बनी हुई है."
"क्षेत्र के कुछ औद्योगिक और बुनियादी सुविधाओं के साथ ही प्राइवेट सेक्टर पर हमारे सुरक्षाबलों का अभी भी कब्जा है."
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के जापान में G7 नेताओं के साथ बैठक के बीच वैगनर ने ये दावा किया है. जापान में जेलेंस्की ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि,
"यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ा मसला है. इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर है. मैं इसे सिर्फ एक मुद्दा नहीं मानता, बल्कि मेरे लिए यह अर्थव्यवस्था, राजनीति और मानवता का मुद्दा है. भारत और मैं युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे."
रूस के लिए कितना अहम है इस क्षेत्र पर कब्जा?
मास्को ने लंबे समय से दावा किया है कि बखमुत पर कब्जा करना डोनबास क्षेत्र में पैठ बनाने की दिशा में उसका एक बड़ा कदम होगा. हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्लेषकों का मानना है कि मास्को के लिए इसका सामरिक महत्व कम है.
पश्चिमी देशों के अधिकारियों का अनुमान है कि बखमुत में 20,000 और 30,000 के बीच रूसी सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं, जबकि यूक्रेन की सेना को भी भारी नुकसान हुआ है.
बता दें कि बखमुत की आबादी कभी 70,000 थी. गोलीबारी और मिसाइल हमलों से यह शहर खंडहर में तब्दील हो चुका है. यहां के लोगों ने दूसरे शहरों या देशों में शरण ली है.
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