ADVERTISEMENTREMOVE AD

झूठे मान के लिए अपने ही शहीदों का अपमान! सामने आया Putin का सीक्रेट प्लान

Vladimir Putin secret plan: रूसी रक्षा मंत्रालय ने पुतिन के निर्देश पर सैनिकों की मौतों को छुपाने के आदेश जारी किए

Updated
झूठे मान के लिए अपने ही शहीदों का अपमान! सामने आया Putin का सीक्रेट प्लान
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

रूस -यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) अपनी झूठी शान की खातिर देश के शहीदों के अपमान से भी बाज नहीं आ रहे हैं. वह रूस (Russia) को यूक्रेन (Ukraine) से कमजोर साबित नहीं होने देना चाहते हैं. इसके लिए वह देश की खातिर जान देने वाले शहीद सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान पर भी पर्दा डालने से नहीं चूक रहे हैं. रूस ने यूक्रेन के साथ जंग (Russo Ukrainian War) में खुद को मजबूत दिखाने के लिए एक स्टेट सीक्रेट प्लान तैयार किया है. जिसके अंतर्गत इस युद्ध में शहीद होने वाले रूसी सैनिकों के मौत के वास्तविक आंकड़े को अब जाहिर नहीं होने दिया जाएगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कैसा है यह रूस का स्टेट सीक्रेट प्लान

इस प्लान के तहत रूसी रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों की मौतों को छुपाने के निर्देश जारी किए हैं. इसके अंतर्गत युद्ध में मारे गए सैनिकों के परिवार वाले शहीद सैनिक के नाम, पद आदि की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते. उनके मुआवजे का क्लेम करने, उससे संबंधित किसी कानूनी कार्रवाई, पेपर वर्क या किसी अन्य जानकारी को लेकर वे किसी सिविल अथॉरिटी के पास नहीं जा सकते, क्योंकि इससे उस सैनिक के जंग में मरने की जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी.

रक्षा मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं कि नागरिक प्रशासन के पास जाने के बजाय मृत सैनिक के परिजन उनकी मौत के मुआवजे की दरख्वास्त सीधे सेना के पास भेजें, वहीं इस अपील पर गौर किया जाएगा. इस बारे में रूस ने सैनिकों के परिजनों को वार्निंग तक जारी कर दी है.

रूसी रक्षा मंत्रालय का प्रस्ताव वेबसाइट पर अपलोड

इसके लिए रूसी रक्षा मंत्रालय बाकायदा एक प्रस्ताव लाया है, जिसके अनुसार मृत सैनिक के परिजनों को दिए जाने वाले किसी भी आर्थिक लाभ की मॉनिटरिंग या कागजी कार्यवाही कोई गैर सैन्य अधिकारी नहीं कर सकेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ रूसी सेना के अधिकारियों व सैन्य कार्यालय द्वारा ही की जाएगी. रूस के रक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को रशियन गवर्नमेंट लीगल इंफॉर्मेशन वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया है. इस कदम का सीधे-सीधे उद्देश्य यही है कि यूक्रेन से जंग में मारे गए रूसी सैनिकों की जानकारी को सार्वजनिक ना होने दी जाए.

रूस पहले भी छुपाता रहा है सैनिकों की मौत

रूस की ओर से अपने शहीदों की शहादत को मान्यता ना देने का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है. इससे पहले भी शीतयुद्ध और शांति काल के दौरान रशियन आर्मी के अभियानों में मारे गए सैनिकों के आंकड़ों पर वह अपने दोस्त चीन की तरह पर्दा डालता रहा है. रूस की ओर से अपनी इस नीति को स्टेट सीक्रेट नाम दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि चीन में भी ऐसी ही स्टेट सीक्रेट नीति है, जिसके तहत गलवान घाटी में भारत के सैनिकों से हुई भिड़ंत के दौरान मारे गए तीन दर्जन से ज्यादा सैनिकों की पहचान चीन ने आज तक अपने स्टेट सीक्रेट प्लान के तहत उजागर नहीं की है. अब रूस भी उसी के नक्शे कदम पर चल रहा है. रूस ने लगभग 1 महीने से युद्ध में मारे गए सैनिकों के आंकड़े को अपडेट नहीं किया है, केवल 25 मार्च को रूस की ओर से अलग-अलग रैंक के 1350 सैनिकों और अधिकारियों की मौत की बात स्वीकार की गई थी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

रूस को जान-माल का कितना नुकसान

पश्चिमी देशों की मीडिया की ओर से जारी कई रिपोर्ट्स के अनुसार रूस के कई हजार सैनिक इस लड़ाई में मारे गए और घायल हुए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तो हाल ही में अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि रूस के साथ जंग में जितने यूक्रेन के सैनिक शहीद हुए है, उससे 6-7 गुना ज्यादा रूस के सैनिकों की जान गई है. बकौल जेलेंस्की 3000 यूक्रेनी सैनिकों की मौत हुई है, वहीं 19-20 हजार तक रूसी सैनिकों की मौत हुई है.

यूक्रेन का यह भी दावा है कि उसने रूस के 798 टैंक, 1964 बख्तरबंद गाड़ियां, 1429 सैन्य वाहन, 358 आर्टिलरी, 158 प्लेन, 143 हेलीकॉप्टर, 76 फ्यूल टैंक, 64 एंटी-एयरक्राफ्ट और 132 ड्रोन को तबाह कर दिया है.

इतने दिन की जंग से रूस की अर्थव्यवस्था को भी तगड़ा झटका लगा है. दुनियाभर के देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

नाटो के अनुसार रूस को 40 हजार सैनिकों का नुकसान

रूस में वास्तविक हताहतों की संख्या के बारे में नाटो अधिकारियों का दावा है कि इस जंग में 40,000 से अधिक रूसी सैनिक या तो मारे गए हैं या घायल हो गए हैं. इसके अलावा एक बड़ी संख्या में सैनिक युद्ध कैदी के रूप में पकड़ लिए गए हैं. उनके अनुसार 7,000 से 15,000 के बीच मौतों की तो पुष्टि भी की जा सकती है.

अगर नाटो के इस आंकड़े को सच माना जाए तो ये संख्या द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों के खिलाफ लड़ रही मित्र देशों की सेना द्वारा हर माह औसत हताहत किए जाने वाले सैनिकों की संख्या से दोगुनी है. भले ही रूसी सेना विशाल हो, पर अपने से अपेक्षाकृत छोटे विरोधी से वे जो भारी प्रहार खा रही है, वह रूस के लिए चिंता का विषय होना चाहिए.

लाशों से भरी बसों के वीडियोज वायरल

रूस के इस सीक्रेट प्लान को हाल ही में वायरल हुए 'घोस्ट बसों' के वीडियोज बल दे रहे हैं. एक वीडियो में दिख रहा है कि हजारों मृत सैनिकों को लेकर कई बसें यूक्रेन से रूस की ओर रवाना की जा रही हैं. इन बसों पर रूसी प्रतीक चिन्ह लगे हैं. इनकी खिड़कियां ढंकी हुई हैं. मीडिया और रूस के लोगों की निगाहों से छुपाकर मृत सैनिकों के शवों को कहीं भेजा जा रहा है.

सैनिकों की मां बयां कर रहीं सच्चाई

इस देश की कई मांओं की कहानियां सामने आ रही हैं जिन्होंने यह आश्वस्त होकर अपने बच्चों को जंग में भेजा कि वे सिर्फ एक सैन्य अभ्यास के लिए यूक्रेन जा रहे हैं, पर अब वे लापता की श्रेणी में आ गए हैं. वे जिंदा हैं या मृत किसी को पता नहीं है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×