कोरोना वायरस महामारी के बीच दुनिया के कई हिस्सों में बेरोजगारी में बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस बीच, सऊदी अरब में 450 बेरोजगार भारतीय सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हो गए. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के इन वर्कर्स में से ज्यादातर के वर्क परमिट एक्सपायर हो गए, जिसकी वजह से उन्हें भीख मांगने को मजबूर होना पड़ा. वहीं, सऊदी अरब प्रशासन ने इन लोगों को जेद्दा के शुमैसी डिटेंशन सेंटर भेज दिया.
इन लोगों के कुछ वीडियो भी वायरल हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, एक वर्कर ने शिकायत की, ''हमने कोई अपराध नहीं किया है. हमारी नौकरियां चली गई थीं इसलिए हमें भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा था.'' बाकी ने बताया कि वे चार महीने से भी ज्यादा वक्त से असहनीय मुश्किलों से गुजर रहे हैं.
एक वर्कर ने कहा, ‘हमने देखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और श्रीलंका के वर्कर्स की उनके देशों की अथॉरिटीज ने मदद की है और उनको उनके देशों में भेजा गया है. जबकि, हम यहीं फंसे हुए हैं.’’
इस मामले पर सोशल वर्कर और एमबीटी नेता अमजद उल्लाह खान ने बताया, 'जिनके पास वर्क परमिट नहीं हैं उन्हें डिटेंशन सेंटर ले जाया गया है.'
अमजद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सऊदी अरब में भारतीय राजदूत औसफ सईद को लेटर लिखकर इन 450 वर्कर्स की स्थिति की तरफ ध्यान दिलाया और सरकार से अपील की कि वो इन वर्कर्स को भारत वापस लाने में मदद करे.
17 सितंबर को विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र ने अमजद को ट्विटर पर जवाब दिया था और सभी वर्कर्स की डीटेल्स मांगी थीं. हालांकि अभी इस बात का पता नहीं चला है कि इन वर्कर्स को भारत लौटने के संबंध में मदद मिली है या नहीं.
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