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Shinzo Abe की घर में बने गन से हत्या, जापान में बंदूक खरीदना नहीं आसान

Japan में सिर्फ शॉटगन और एयर राइफल रखने की इजाजत है, यहां लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में 13 चरण होते हैं

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जापान में आम नागरिकों के लिए बंदूक रखने के प्रति जीरो टॉलरेंस है और यह ऐसा देश हैं जहां बंदूक से होने वाली हिंसा की दर दुनिया भर में सबसे कम में से एक है. यही कारण है कि जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे (Shinzo Abe shooting) की गोली मारकर हुई हत्या ने सबको आश्चर्य में डाल दिया है.

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जापान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे शिंजो आबे की शुक्रवार, 8 जुलाई को गोली मार हत्या कर दी गयी. 67 वर्षीय पूर्व पीएम शिंजो आबे उस समय एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे, जब उन्हें गोली मारी गयी.

जापान में गोली मारकर हत्या करने की घटना कितनी दुर्लभ है, इसके उदाहरण हैं यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के सिडनी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा कंपाइल किए गए आंकड़े- यह बताते हैं कि साल 2018 में 125 मिलियन की आबादी वाले जापान में गोली लगने से केवल 9 की मौत रिपोर्ट की गयी थी. जबकि दूसरी तरफ इसी साल अमेरिका में 39740 लोगों की मौत गन वॉयलंस के कारण रिपोर्ट की गयी थी.

जापान में गन वॉयलंस की घटना दुर्लभ क्यों है?

जापान में युद्ध की समाप्ति और उसके स्थापना के बाद साल 1958 में एक नया फायरआर्म लॉ (आग्नेयास्त्र कानून) बना. इस कानून के अनुसार आम नागरिक हैंडगन नहीं खरीद/रख सकेंगे. उनके खरीदने के लिए केवल शॉटगन और एयर राइफल की अनुमति होगी.

लेकिन यहां शॉटगन और एयर राइफल रखने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है. मालूम हो कि शिंजो आबे की हत्या के आरोप में पुलिस ने जिस 41 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया है उसके पास से भी देशी/घर में तैयार बंदूक ही मिला है.

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जापान में शॉटगन और एयर राइफल का लाइसेंस चाहिए? पार करने होंगे 13 ‘पहाड़’

जापान में गन के स्वामित्व की अनुमति लेने के लिए कुल 13 चरण है. सबसे पहले तो जिन्हें गन का लाइसेंस चाहिए वो किसी हंटिंग या शूटिंग क्लब को ज्वाइन करें. उसके बाद उन्हें फायरआर्म क्लास को ज्वाइन करना पड़ता है. इसके बाद उन्हें एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है.

फिर एक डॉक्टर यह टेस्ट करेगा कि क्या वह गन लाइसेंस रखने के लिए मानसिक रूप से फिट है या नहीं. डॉक्टर यह भी जांच करता है कि कहीं आवेदक पहले ड्रग्स तो नहीं लेता था.

इसके बाद उन्हें पूरे एक दिन के कोर्स के लिए अप्लाई करना पड़ता है, जहां यह सिखाया जाता है कि बंदूक कैसे चलाते हैं और उसे सुरक्षित रूप से कैसे स्टोर करते हैं.

फिर पुलिस आवेदक का एक इंटरव्यू लेती है और यह पूछती है कि वह बंदूक क्यों रखना चाहता है. साथ ही वह उसका बैकग्राउंड चेक करती है, उसके परिजनों का भी इंटरव्यू लेती है.

यदि वे अब तक के चरण में पास हो जाते हैं, तो वे गनपाउडर परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं और एक डीलर से सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं कि उन्हें किस प्रकार की बंदूक चाहिए.

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फिर उन्हें एक एमुनेशन लॉकर और गन सेफ लॉकर खरीदने की जरूरत होती है. पुलिस एक बार फिर बैकग्राउंड चेक करती है और इस एमुनेशन लॉकर और गन सेफ का निरीक्षण किया जाता है.

बंदूक मिलने के बाद उसे पुलिस के पास रजिस्टर करना होता है और साथ ही पुलिस को यह जानकारी देनी होती है कि उन्होंने अपने बंदूक और उसकी गोलियां कहां रखी है. याद रहे कि दोनों को अलग-अलग लॉकर में रखना होता है.

साल में एक बार जापान की पुलिस उस बंदूक का निरीक्षण करेगी. बंदूक के मालिकों को अपने लाइसेंस को रिन्यू करने के लिए हर तीन साल पर फिर से क्लास में बैठना होता है और परीक्षा देनी होती है.

बता दें कि जापान में शिकार के लिए और स्पोर्ट्स गन को लेकर इसमें कुछ अपवाद शामिल हैं. हालांकि इस मामले में भी आवेदक को क्लास ज्वाइन करना पड़ता है, लिखित और प्रैक्टिकल एग्जाम पास करना पड़ता है.

उनको भी डॉक्टर के पास जाकर यह साबित करना होता है कि वे बंदूक रखने के लिए मानसिक रूप से फिट हैं. इस मामले में भी पुलिस बैकग्राउंड चेक करती है जिसमें परिजनों का भी इंटरव्यू शामिल है.

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