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Shri Thanedar: एक भारतीय की 'परी कथा', अमेरिका में की चौकीदारी और अब बने सांसद

भारतीय-अमेरिकी कारोबारी श्री थानेदार कभी वहां एक कार में ही रहने को मजबूर थे

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भारतीय-अमेरिकी कारोबारी श्री थानेदार ने इतिहास रच दिया है. थानेदार पहले देसी राजनेता हैं जिन्होंने अमेरिका मिड टर्म चुनाव (US Mid Term Elections 2022) में मिशिगन से अमेरिकी कांग्रेस की सीट जीती है. 67 साल के थानेदार की कर्नाटक के बेलगाम से यूएस संसद तक पहुंचने की यात्रा किसी परी कथा से कम नहीं है.

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श्री थानेदार की कहानी काफी प्रेरणादायक है

श्री थानेदार का जन्म 12 फरवरी 1995 को भारत के कर्नाटक के बेलगाम गांव में हुआ. उनका पालन पोषण एक मिडिल क्लास वाले परिवार में हुआ. थानेदार 14 साल के ही थे जब उनके पिता की नौकरी चली गई और परिवार को चलाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई, थानेदार ने अपनी परिवार को चलाने के लिए काफी अलग अलग तरीके के काम भी किए. उनके परिवार में उनके माता पिता के अलावा छह बहन और एक भाई थे. थानेदार ने 18 साल की उम्र में रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की, और फिर ग्रेजुएशन के लिए बॉम्बे यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया. थानेदार गोल्ड मेडल डिस्टिंक्शन के साथ पास हुए. इसके बाद मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से कुछ समय के लिए बतौर वैज्ञानिक जुड़े रहने के बाद, 1979 में एक्रोन यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के लिए थानेदार अमेरिका चले गए.

थानेदार ने बताया कि...

मेरा जन्म भारत में एक गरीब परिवार में हुआ, मेरे परिवार में दस लोग थे, मुझे याद है मुझे पानी पीने के लिए नदी जाना पड़ता था, मेरे पिता के रिटायर होने के बाद घर की आर्थिक और सारी जिम्मेदारियां मुझ पर आ गई थीं.
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जब थानेदार पहुंचे सपनों के शहर में

1979 में थानेदार यूएस चले गए एक्रोन यूनिवर्सिटी अपने पीएचडी के लिए. उन्होंने वहां पर अपना खर्चा चलाने के लिए बतौर सहायक शिक्षक काम किया लेकिन सिर्फ 300 डॉलर की सैलरी में जिंदगी जीना काफी मुश्किल था, उन्हें हर महीने 75 डॉलर अपने घर भारत भेजने पड़ते थे ताकि उनका परिवार ठीक ढंग से अपनी जिंदगी जी सके. उन्होंने वहां एक 200 डॉलर की एक कार भी खरीदी थी, जिसमें वह रहते थे.

जब मैं यूएस आया तब मैंने बचत करके अपने पीएचडी के दौरान एक कार ली थी जिसमे मैं रहता था और एक चौकीदार की नौकरी भी करता था.
श्री थानेदार

रसायन विज्ञान में पीएचडी और एमबीए करने के बाद कुछ वर्ष तक वैज्ञानिक और एक शोधकर्ता रहने के बाद थानेदार ने कारोबार में अपनी किस्मत आजमाई और 25 साल में उन्होंने 'केमिर','एजोफार्मा' 'एवोमीन एनालिटिकल सर्विसेज' बना दी.

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फिर थानेदार की हुई राजनीति में एंट्री 

थानेदार अब करोड़पति बन चुके थे,तीन बार एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड हासिल कर चुके थे. लेकिन गरीबी नस्लीय भेदभाव का सामना कर चुके थानेदार ने कहा, "मैं नस्लीय भेदभाव,सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए लड़ना चाहता हूं. गरीब और पीछे वर्ग के लिए कूच करना चाहता हूं ,अमरीकी सपने को सबके लिए हकीकत बनाना चाहता हूं.

थानेदार ने कहा कि वो महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के विचारों से काफी प्रभावित हुए थे. उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने नस्लीय भेदभाव का सामना किया था, और वो सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय के लिए लड़ना चाहते थे.

2018 में उन्होंने मिशिगन के गवर्नर का चुनाव लड़ा जिसमें वो हार गए. उन्होंने चुनाव जीतने पर कामकाजी लोगों के लिए 15 डॉलर की न्यूनतम वेतन,पेड सिक लीव देने का वादा किया था. 2020 में मिशिगन स्टेट हाउस के सदस्य बने और डेमोक्रेटिक प्राइमरी में 8 उम्मीदवारों को हरा दिया.

2022 के मीड टर्म चुनाव में, थानेदार ने अमरीकी कांग्रेस के 13 वें जिले मिशिगन से चुनाव लड़ा. उन्होंने चुनाव बराबरी, सामाजिक न्याय, आजादी, गर्भपात के अधिकार के मुद्दों पर लड़ा. 67 साल के थानेदार की बड़ी जीत हुई. वे अब अमरीकी कांग्रेस में पांचवे भारतीय अमरीकी है.

थानेदार ने बताया, "मैंने गरीबी के कलंक को अनुभव किया है. ये मुझे वॉशिंगटन डीसी जाने और आर्थिक असमानता दूर करने के लिए प्रेरित करती है. कांग्रेस का हिस्सा रहते हुए मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि औरतों के शरीर को उनके अलावा कोई और कंट्रोल न करे. मैं लड़ना चाहता हूं ताकि सभी को वोट देने की आजादी मिल सके."

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हर साल दो बार भारत आते हैं थानेदार 

थानेदार हर साल दो बार भारत आते हैं. उन्हें कन्नड़, मराठी, हिंदी आती है. उन्होंने मराठी में एक आत्मकथा और अंग्रेजी में एक संस्मरण भी लिखा है, जिसका नाम 'द ब्लू सूटकेस: ट्रेजेडी एंड ट्रायम्फ इन ए इमिग्रेंट्स लाइफ' है.

थानेदार कहते हैं कि, जब मैं भारत जाता हूं, तो मैं बड़े पैमाने पर युवा लोगों से उद्यमिता के बारे में बात करता हूं. मैं केवल इतना कहूंगा कि भारत और अमेरिका दोनों में सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे अमीरों और गरीबों की सेवा करें, लोगों को सबसे निचले पायदान से उठाएं. आर्थिक पैमाने, अवसर पैदा करें.,

भारत के बेलगाम का एक लड़का जो चौकीदार रह चुका है, अब अगले दो वर्षों के लिए यूएस कैपिटल हिल उसका पता होगा.

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