दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु-नताल प्रांत में बाढ़ (South Africa Flood) ने भारी तबाही मचाई है. देश में इस भीषण प्राकृतिक आपदा में अब तक 400 से ज्यादा लोगों के मौत की खबर है तो वहीं 40 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं. दक्षिण-पूर्वी तटीय शहर डरबन के कुछ इलाकों में पानी घुस गया जिसके बाद सड़के पूरी तरह उखड़ते दिखीं. इस बाढ़ में अस्पताल-घर तबाह हो गए और लोग इस पानी में बह गए.
सरकार ने घोषित की आपदा
दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने क्वाजुलु-नताल प्रांत में बाढ़ को आपदा घोषित कर दी है. वहीं साउथ अफ्रीका का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर बाढ़ की वजह से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है.
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने कहा, "जैसा कि हम कोविड आपदा से बाहर निकलने की सोच रहे थे, तभी हमारे देश पर एक प्राकृतिक आपदा आ गई है, विशेष रूप से हमारे क्वाज़ुलु-नताल प्रांत पर. बाढ़ ने बहुत अधिक तबाही मचाई है."
राष्ट्रपति का दावा है कि आपदा "जलवायु परिवर्तन का हिस्सा है. लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि निचले इलाकों में खराब बुनियादी ढांचे जैसे कि जल निकासी की सही व्यवस्था नहीं होने और बिना प्लानिंग के घरों के निर्माण से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है.
बाढ़ से भारी तबाही
साउथ अफ्रीका के अधिकारियों ने इस बाढ़ को देश के इतिहास में सबसे खराब मौसम तूफानों में से एक कहा है. आधिकारिक मौत के आंकड़ों के मुताबिक अब तक बाढ़ की वजह से 443 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 63 लोग लापता हैं. वहीं 40,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं. बाढ़ से डरबन में सबसे ज्यादा जाने गई हैं.
एक अनुमान के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में बाढ़ से कुल 400 मिलियन डॉलर की संपत्ति पहले ही नष्ट हो चुकी है. बड़ी संख्या में अस्पताल और करीब 500 स्कूल मलबे में दब गए हैं.
बाढ़ की वजह से डरबन में बंदरगाह संचालन फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है. जिससे यहां की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने की आशंका है. आपको बता दें कि डरबन अफ्रीका के प्रमुख बंदरगाह शहर में से एक है.
राहत-बचाव कार्य जारी
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 4 हजार से अधिक कर्मचारियों को राहत प्रयासों का समर्थन करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है. कर्मचारी सड़कें, पानी, स्वच्छता और बिजली जैसे क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत में जुटे हैं. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावितों तक मदद भी पहुंचाई जा रही है.
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