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विश्व के सबसे गरीब देशों की सूची में दक्षिण सूडान शीर्ष पर, IMF ने जारी की रिपोर्ट

दक्षिण सूडान सबसे युवा राष्ट्र है इसे 2011 में स्वतंत्रता मिली है. यह राजनीतिक अस्थिरता और संघर्षों का सामना कर रहा है.

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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने प्रति व्यक्ति जीडीपी के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है. IMF द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दुनिया के सबसे गरीब देशों के बारे में बताया गया है. जीडीपी (GDP) किसी देश के कुल आर्थिक उत्पादन का एक माप होता है. वहीं द फोर्ब्स के अनुसार, क्रय शक्ति समानता (PPP) जीवन स्तर की अधिक सटीक तस्वीर दिखाने के लिए, जीवन यापन की लागत को ध्यान में रखता है.

आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति जीडीपी के आधार पर सबसे गरीब देश कौन सा है और भारत की इसके मुताबिक क्या स्थिति है.

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इस सूची में दक्षिण सूडान सबसे आगे

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट में एक गंभीर तस्वीर सामने आई है. जहां दक्षिण सूडान (South Sudan) को वैश्विक स्तर पर सबसे गरीब देश के रूप में जगह दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, यहां प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, क्रय शक्ति समानता (PPP) केवल 492.72 डॉलर है. दक्षिण सूडान विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है इसे 2011 में स्वतंत्रता मिली है. यह देश राजनीतिक अस्थिरता, संघर्षों और सीमित बुनियादी ढांचे के कारण महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है.

इस सूची में दक्षिण सूडान के बाद प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में बुरुंडी, 936.42 डॉलर के साथ दूसरे, मध्य अफ्रीकी गणराज्य (1,140 डॉलर) तीसरे, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (1,570 डॉलर) चौथे और मोजाम्बिक (1,650 डॉलर) पांचवें स्थान पर है.

यह देश भी दक्षिण सूडान की तरह ही राजनीतिक अस्थिरता, संघर्षों और सीमित बुनियादी ढांचे के कारण महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

उप-सहारा अफ्रीका के भी कई देश शामिल

इस सूची में सहारा रेगिस्तान के दक्षिण में स्थित उप-सहारा अफ्रीका के कई देश शामिल हैं. जिनमें मलावी (1,710 डॉलर), नाइजर (1,730 डॉलर), चाड (1,860 डॉलर), लाइबेरिया (1,880 डॉलर) और मेडागास्कर (1,990 डॉलर) आदि देश IMF द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट में शामिल हैं.

उप-सहारा अफ्रीका के ये देश सीमित संसाधनों, तेजी से जनसंख्या वृद्धि और कृषि पर भारी निर्भरता से जूझ रहे हैं. जिस कारण इन देशों में गरीबी लगातार बढ़ती जा रही है.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट इन देशों के गरीबी के मूल कारणों को पता लगाने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए कार्रवाई के आह्वान के रूप में कार्य करती है.

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में, यमन सबसे गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझने वाले एशियाई राष्ट्र के रूप में उभरेगा और अनुमानित रूप से इसकी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद अनुमानित 2,136 डॉलर होगी. हालांकि, लगातार संघर्षों के कारण सटीक आर्थिक आकलन करना मुश्किल है.
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वहीं इस सूची में लक्ज़मबर्ग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (PPP) 145,834 डॉलर के साथ दुनिया के सबसे धनी देश है.

वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत ने 2024 तक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (PPP) 9.89 हजार डॉलर दर्ज किया है.

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