श्रीलंका (Sri Lanka President Election) की संसद ने आज यानी 20 जुलाई को 44 सालों में पहली बार अपने राष्ट्रपति का सीधे चुनाव किया है. नतीजे आ चुके हैं. मौजूदा कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ही नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. रानिल विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले, जबकि दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 और अनुरा कुमारा दिसाना को 3 वोट मिले.
विक्रमसिंघे, अलहप्परुमा और वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों के रूप में प्रस्तावित किया गया था. इन तीनों के बीच से गोटबाया राजपक्षे के उत्तराधिकारी को चुनने की जंग जारी थी. गोटबाया राजपक्षे पिछले हफ्ते भारी विरोध और लगातार गिरती अर्थव्यवस्था की स्थिती पैदा होने के बाद देश छोड़कर भाग गए थे. अब रानिल विक्रमसिंघे ने अपने दोनों प्रतिद्वंदियों को हराकर राजपक्षे के उत्तराधिकारी बन चुके हैं.
विक्रमसिंघे के पक्ष में 134 वोट पड़े
सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) पार्टी के अधिकांश सदस्य अलहप्परुमा को राष्ट्रपति और प्रमुख विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा को प्रधानमंत्री के रूप में नामित करने के पक्ष में थे. अलहप्परुमा सत्ताधारी पार्टी से टूटे हुए गुट के नेता हैं, लेकिन अंत में जीत विक्रमसिंघे की ही हुई.
श्रीलंका की संसद में 225 सदस्य हैं, विक्रमसिंघे 134 वोटों के साथ राष्ट्रपति बन गए हैं. अलहप्परुमा को 83 वोट पड़े जबकि अनुरा कुमार दिसाना को सिर्फ 3 वोट ही मिले. अगस्त 2020 के चुनावों की बात करें तो एसएलपीपी (SLPP) के पास 145 की संख्या थी, जिसमें से 52 सांसदों ने बगावत कर दी थी हालांकि इसमें से 4 सांसद वोटिंग से पहले लौट आए थे.
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