राजनीतिक और आर्थिक संकट (Sri Lanka) से गुजर रहे श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मालदीव भाग जाने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी.
राष्ट्रपति के भागने की खबर के बीच लोगों का गुस्सा फूट पड़ा हैऔर राजधानी कोलंबो की सड़कों पर प्रदर्शनकारी जमकर उत्पात कर रहे हैं.
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कोलंबो में स्थित निजी आवास में आग लगा दी थी.
हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास के बाहर जमा हैं. ऐसे में उन पर हेलीकॉप्टर के जरिए नजर रखी जा रही है. प्रधानमंत्री ने सुरक्षाकर्मियों को आदेश दिया है कि हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करें.
वहीं प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास की दीवार पर चढ़कर अंदर आने की कोशिश कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी आंसू गैस के गोले दाग रहे हैं.
श्रीलंका के सीनियर अधिकारी के मुताबिक 73 साल के राष्ट्रपति अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान से देश छोड़कर चले गए हैं.
बयान में कहा गया है, "सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मालदीव रवाना होने के लिए श्रीलंकाई वायु सेना का विमान उपलब्ध कराया गया." राष्ट्रपति के देश से भागने की पुष्टि प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी की है.
राष्ट्रपति ने नहीं दिया इस्तीफा?
खबर आई थी कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 12 जुलाई को अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया था. यह लेटर 13 जुलाई को संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाना था. .समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक स्पीकर महिंदा यापा का कहना है कि उन्हें अबतक इस्तीफे की कॉपी नहीं मिली है.
बता दें कि करीब मार्च 2022 में प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे परिवार के खिलाफ विद्रोह शुरू को तेज कर दिया था. जिसके बाद श्रीलंका सरकार ने अप्रैल महीने के शुरुआत में आनन-फानन में खाद्य वस्तुओं पर इमरजेंसी लगा दी थी. फिलहाल श्रीलंका में खाने के सामान से लेकर पेट्रोल-डीजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. श्रीलंका कर्ज से लदा हुआ है.
आर्थिक संकट से तंग आ चुकी जनता सड़क पर उतर गई है और सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रही है.
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