अफगानिस्तान के दक्षिणी कंधार में एक सैन्य शिविर पर तालिबान ने हमला किया है. हमले में कम से कम 43 सैनिकों की मौत हो गयी. रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. प्रवक्ता दौलत वजीर ने बताया कि 18 अक्टूबर की इस घटना में दो आत्मघाती कार बम विस्फोट हुए जिसके बाद घंटों मुठभेड़ चली. मुठभेड़ के दौरान नौ सैनिक घायल हो गए और छह लापता हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना में 10 हमलावर मारे गए.
तालिबान ने एक बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है. अमेरिका और नाटो बलों ने 2014 के अंत में अपना युद्धक मिशन औपचारिक रुप से बंद कर दिया था. इसके बाद अफगान बलों को तालिबान का सामना करना पड़ रहा है जो फिर से मजबूत हुआ है.
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को तालिबान ने देश के अलग-अलग हिस्सों में कई हमले किए थे जिनमें पुलिसिया और सरकारी दफ्तरों को निशाना बनाया गया था. उन हमलों में कम से कम 74 लोगों की मौत हो गयी थी.
अमेरिकी ड्रोन हमले में तालिबानी नेता की मौत
वहीं दूसरी ओर बुधवार को अमेरिका की ओर से पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर किए गए ड्रोन हमले में पाकिस्तानी तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ओमर खालिद खोरासानी के मारे जाने की भी खबर है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
खोरासानी का असली नाम अब्दुल वली है. वो तालिबान नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण तालिबान से 2014 में अलग हो गया था.
पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान के पूर्वी खोस्त और पकतिया प्रांत में पिछले कुछ दिनों से रिसोल्यूट सपोर्ट मिशन (आएसएम) और अफगानी सुरक्षा बलों की ओर से पाकिस्तान के कुर्रम एजेंसी के ठीक सामने सैन्य अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 'आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है.'
सेना ने मारे जाने वाले आंतकवादियों की पहचान नहीं की है.
-इनपुट IANS और भाषा से
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