अफगानिस्तान (Afghanistan) में 21 नवंबर को तालिबान (Taliban) ने महिलाओं से संबधित नया फरमान जारी किया है. नए फरमान में कहा गया है की टीवी पर महिलाओं के कार्यक्रम पूरी तरह से बंद हो. इसके साथ ही महिला पत्रकार भी सिर पर हिजाब ढंक कर रखे.
इसके अलावा अफगानिस्तान में प्रोफेट मोहम्मद से भी सम्बंधित कार्यक्रमों को दिखाने पर पूरी तरह से रोक है. तालिबान ने उन फिल्मों या कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है जो इस्लामी और अफगान मूल्यों के खिलाफ है.
धीरे-धीरे अपने असली रूप में लौट रहा तालिबान
जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया और अशरफ गनी सरकार को घुटनों पर ला दिया. तब पूरे अफगानिस्तान में दहशत का माहौल था. लोग किसी तरह अफगानिस्तान छोड़ कर भाग जाना चाहते थे, क्योंकि लोगों के जेहन में अफगानिस्तान की बर्बरता की पुरानी तस्वीरें कायम थी. लेकिन तालिबान की ओर से दावा किया गया की यह मॉडर्न तालिबान हैं और वह बदल गए है.
अब महिलाओ के खिलाफ तालिबान क्रूर शासन की नीति नहीं अपनाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं तालिबान धीरे-धीरे अपने पुराने रूप में लौटता दिख रहा है.
पहले महिलाओं को स्कूल कॉलेज आने से रोकने की कोशिश की गयी फिर अफगानिस्तान में महिलाओं के पोस्टर वाली तमाम दीवारों को पेंट कर दिया गया. महिलाओं के काम सें संबंधित गाइडलाइन जारी की गई.
महिला पत्रकार को इंटरव्यू देकर अपने छवि सुधारने वाला तालिबान अब उन्हीं महिला पत्रकारों पर अपनी नई धार्मिक गाइडलाइन थोंपना चाहता है.
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