तालिबान (Taliban) ने दावा किया है कि उसने पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) पर 'पूरी तरह कब्जा' कर लिया है. न्यूज एजेंसी AFP ने तालिबान के हवाले से ये जानकारी दी है. इससे पहले नेशनल रजिस्टेंस फोर्स (NRF) नेता अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने तालिबान के साथ सीजफायर और समझौते के पक्ष में बयान दिया था. मसूद ने कहा था कि लड़ाई रोकने के लिए वो बातचीत करने को तैयार हैं.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बयान जारी कर पंजशीर पर कब्जे का दावा किया है. मुजाहिद ने बयान में कहा कि 'दुश्मनों के आखिरी गढ़ पंजशीर प्रांत को पूरी तरह जीत लिया गया है.'
90 के दशक में जब तालिबान का शासन अफगानिस्तान पर हुआ था, तब भी संगठन पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पाया था. उस समय पंजशीर में गुरिल्ला नेता अहमद शाह मसूद की रणनीतियों की वजह से तालिबान को हार मिलती रही.
इस बार काबुल पर कब्जे के बाद उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह पंजशीर चले गए थे और मसूद के बेटे अहमद मसूद के साथ मिलकर विद्रोह कर रहे थे. तालिबान ने कई दिनों से पंजशीर को घेर रखा था.
तालिबान ने क्या कहा?
जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पंजशीर में विद्रोही सेनाओं के कई सदस्यों को हार मिली और कई भाग गए. मुजाहिद ने दावा किया कि 'पंजशीर के दबे-कुचले और माननीय लोगों को कैद से आजादी मिली है.'
"उन्हें बचाया गया है. हम पंजशीर घाटी के माननीय लोगों को पूरा आश्वासन देते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. वो हमारे भाई हैं और हम देश और साझा लक्ष्य के लिए काम करेंगे."जबीउल्लाह मुजाहिद
जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, "इस हालिया जीत के बाद हमारा देश युद्ध के चरण से बाहर आ गया है और हमारे लोग अब शांतिपूर्ण और खुशी के साथ आजादी और समृद्धि में जिंदगी बसर करेंगे."
अहमद मसूद समझौते के पक्ष में
तालिबान के दावे से पहले पंजशीर में सक्रिय नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (National Resistance Front) समझौते और बातचीत के लिए राजी हो गया था. NRF के नेता अहमद मसूद ने कहा कि वो बातचीत के रास्ते समाधान के लिए धार्मिक विद्वानों के प्रस्तावों का स्वागत करते हैं, ताकि तालिबान के साथ लड़ाई खत्म हो सके.
मसूद ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, "NRF सैद्धांतिक रूप से मौजूदा समस्याओं को हल करने और लड़ाई को तत्काल समाप्त करने और बातचीत जारी रखने के लिए सहमत है. स्थायी शांति के लिए NRF इस शर्त पर रुकने को तैयार है कि तालिबान भी पंजशीर और अंदराब पर अपने हमलों और सैन्य गतिविधियों को रोक दे."
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