ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बीच वहां दी जाने वाली मानवीय सहायता को दोगुना करने का फैसला किया है. रिपोर्ट के अनुसार,
जॉनसन ने संसद के सदन को संबोधित करते हुए कहा, "ब्रिटेन अफगानिस्तान को दी जाने वाली मानवीय और विकास सहायता की राशि को दोगुना कर उसे कुल 286 मिलियन पाउंड तक पहुंचाएगा."
जॉनसन ने यह भी बताया कि, ब्रिटेन अफगान से लोगों को निकालने के लिए अतिरिक्त 800 सैनिकों को भी तैनात करेगा और संसद को आश्वासन दिया कि "सरकार इस ऑपरेशन को तब तक जारी रखेगी जब तक हवाई अड्डे पर परिस्थितियां अनुमति देती हैं.
विपक्षी दलों ने भी किया जॉनसन का समर्थन
"हमें अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन की वास्तविकता का सामना करना होगा. जी-7 के अध्यक्ष के रूप में, यूके संगठित और ठोस तरीके से इस शासन से निपटने के लिए एक स्पष्ट योजना द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने के लिए काम करेगा. समय से पहले या द्विपक्षीय रूप से काबुल में नए शासन को मान्यता देना किसी भी देश के लिए एक गलती होगी."जॉनसन नें संसद में जोर देते हुए कहा कि,
इस मुद्दे पर, विपक्षी दलों ने भी सैनिकों को तैनात करने के जॉनसन के फैसले का समर्थन किया है.
बता दें कि, दुनिया अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और अपने लोगों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से अफगानिस्तान से अपने नागरिक को निकालने के लिए लगातार प्रयासरत है.
US प्रशासन ने अफगान रिजर्व के 9.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर को किया फ्रीज
इसी बीच, अफगानिस्तान पर कब्जा किये हुए तालिबान से नकदी को दूर रखने के लिए, बाइडेन प्रशासन ने मंगलवार को लगभग 9.5 बिलियन अमरीकी डालर के अफगान भंडार को फ्रीज कर दिया है.
पाकिस्तान कर रहा है तालिबान का खुलकर समर्थन
इन्ही घटनाक्रमों के बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान के तालिबान अधिग्रहण का समर्थन किया है. इमरान ने कहा है कि उनका देश सभी "अफगान नेताओं" से संपर्क बना रहा है और युद्ध में तबाह हुए इस देश के लोगों को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए, अन्य देशों से भी "बने रहने" का आग्रह किया है.
तालिबान दोहा में आगे की योजनाओं पर कर रहा है चर्चा
तालिबान नेता दोहा में भविष्य की सरकारी योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं और अफगानिस्तान में सरकार बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अंतर-अफगान पार्टियों के संपर्क में हैं.
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