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जो बाइडेन-कमला हैरिस को TIME ने चुना 2020 का पर्सन ऑफ द ईयर

साल 2019 में जलवायु परिवर्तन को लेकर आवाज उठाने वाली ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैग्जीन ने ‘पर्सन ऑफ द ईय’ घोषित किया था

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TIME’s 2020 के लिए पर्सन ऑफ द ईयर का ऐलान हो गया है. गुरुवार को सुबह NBC के शो के में इनका ऐलान हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति (इलक्टेड) जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति (इलक्टेड) कमला हैरिस को टाइम पत्रिका ने "पर्सन ऑफ द ईयर 2020" चुना है.

जो बाइडेन और कमला हैरिस ने इसी साल 7 नवंबर को इतिहास रचा था, जब उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हराया था. और इस बार टाइम पर्सन ऑफ द ईयर के चुनाव में भी उन्होंने ट्रंप को पछाड़ दिया है.

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4 उम्मीदवारों को टाइम के एडिटर्स ने नॉमिनेट किया था, जो इस साल चर्चा में रहे और जिनके जीवन ने लोगों को बेहतर या बदतर तरीके से प्रभावित किया.

बता दें कि साल 2016 में टाइम मैगजीन ने राष्ट्रपति चुने जाने पर डोनाल्ड ट्रंप को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना था.

1927 से टाइम आमतौर पर हर साल एक शख्स को चुनता रहा है, लेकिन कभी-कभी अगर एक से ज्यादा लोग उस साल अपने काम से देश और दुनिया को प्रभावित करते हैं तो कई लोगों को भी चुना जाता है.

साल 2019 में जलवायु परिवर्तन को लेकर आवाज उठाने वाली स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैग्जीन ने ‘पर्सन ऑफ द ईय’ घोषित किया है. आइए आपको बताते हैं साल 2020 के लिए किन 4 लोगों को इस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है.

यह 2020 के लिए चार फाइनल थे:

जो बाइडेन

जो बाइडेन वो नाम जो इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए हैं. जो बाइडेन अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाले कैंडिडेट बन गए हैं और उन्होंने 12 साल पहले 2008 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा स्थापित रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बाइडेन को 7 करोड़ से ज्यादा वोट मिले हैं.

साल 2019 में जलवायु परिवर्तन को लेकर आवाज उठाने वाली ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैग्जीन ने ‘पर्सन ऑफ द ईय’ घोषित किया था
जो बाइडेन 
(फोटो: Altered by Quint) 

डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल भी काफी चर्चा में रहे हैं. खासकर COVID-19 महामारी को लेकर उनके प्रशासन की बहुत आलोचना की गई है. यहां तक कि चुनाव हारने के बाद कहा कि उन्होंने आधारहीन दावे भी किए कि धोखाधड़ी हुई है और उन्होंने ये तक कहा कि वे ही विजेता हैं.

साल 2019 में जलवायु परिवर्तन को लेकर आवाज उठाने वाली ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैग्जीन ने ‘पर्सन ऑफ द ईय’ घोषित किया था
डोनाल्ड ट्रंप 
(फाइल फोटो: PTI)
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3. फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर्स और डॉक्टर एंथोनी फाउची

COVID-19 महामारी ने दुनिया को रोक दिया था, हालांकि, कई लोग इन हालात में भी अपने काम को जारी रखे हुए थे. जैसे हेल्थ केयर वर्कर, डाक कर्मचारी, स्वच्छता कार्यकर्ता, परिवहन कर्मचारी. उन्होंने अपने जीवन को खतरे में डाला और ऐसा कर के अनगिनत लोगों को बचाया. उन फ्रंटलाइन वर्कर में से एक, जो अपने दिन का कुछ हिस्सा अस्पताल में चक्कर काटते हुए बीताते हैं, वे हैं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के नेता और 2020 में अमेरिका में सबसे ज्यादा दिखाई देने वाले वैज्ञानिक नेता डॉक्टर एंथनी फाउची.

साल 2019 में जलवायु परिवर्तन को लेकर आवाज उठाने वाली ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैग्जीन ने ‘पर्सन ऑफ द ईय’ घोषित किया था
नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉ एंथनी फाउची
(फाइल फोटो)

रेशियल जस्टिस के लिए आंदोलन

जॉर्ज फ्लॉयड की दुखद हत्या ने न केवल अमेरिका में बल्कि दुनिया भर में एक आंदोलन शुरू कर दिया. दुनिया भर में कोरोना महामारी के बीच, प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. पुलिस और बाकी जगहों पर नस्लीय अन्याय से लड़ने के लिए कार्रवाई की मांग की. आंदोलन शुरू होने के बाद से कुछ सकारात्मक परिणाम तो दिखे हैं, लेकिन अभी बहुत बदलाव की जरूरत है.

साल 2019 में जलवायु परिवर्तन को लेकर आवाज उठाने वाली ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैग्जीन ने ‘पर्सन ऑफ द ईय’ घोषित किया था
अमेरिका: जॉर्ज फ्लॉयड को मां की कब्र के बगल में दफनाया गया
(फोटोः PTI/AP)

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