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ट्रंप पर कस रहा शिकंजा? टैक्स फ्रॉड के आरोप में CFO का सरेंडर

Trump Organization और Allen Weisselberg पर एक टैक्स फ्रॉड स्कीम का हिस्सा रहने का आरोप

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डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की मुसीबतें खत्म नहीं हुई हैं. मैनहैटेन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के दफ्तर ने ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन (Trump Organization) और संगठन के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर एलेन वीसेलबर्ग (Allen Weisselberg) पर आरोप लगाए हैं. 1 जुलाई को प्रॉसिक्यूटर्स ने टैक्स फ्रॉड स्कीम में ऑर्गेनाइजेशन और वीसेलबर्ग पर आरोप लगाए. दावा है कि टॉप एग्जीक्यूटिव को अपार्टमेंट रेंट, कार पेमेंट और स्कूल ट्यूशन के लिए 17 लाख डॉलर मिले लेकिन टैक्स नहीं दिया गया.

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डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी सायरस आर वैंस जूनियर का दफ्तर लगभग दो सालों से ट्रंप के बिजनेस की जांच कर रहा है. जांच का फोकस है कि क्या ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन ने बिना टैक्स चुकाए अपने कुछ टॉप एग्जीक्यूटिव को बड़े फायदे पहुंचाए हैं.

ये पूरी जांच सायरस वैंस जूनियर के वकील और न्यू यॉर्क अटॉर्नी जनरल लेतितिया जेम्स के वकील साथ कर रहे हैं. जांच का फोकस हाल के दिनों में एलेन वीसेलबर्ग पर शिफ्ट हो गया था. 1 जुलाई को वीसेलबर्ग ने डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के दफ्तर में सरेंडर कर दिया था.

ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन और वीसेलबर्ग पर क्या आरोप लगाए गए हैं, ट्रंप पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं और आगे क्या होगा, ये सब यहां समझने की कोशिश करते हैं.

आरोप क्या हैं?

ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन और वीसेलबर्ग पर आरोप हैं कि वो 15 सालों की एक स्कीम का हिस्सा रहे हैं, जिसमें 2005 से अब तक कंपनी के टॉप एग्जीक्यूटिव की टैक्स बचाने में मदद की गई. ये आधिकारिक रूप से रिकॉर्ड न रखकर एग्जीक्यूटिव को फायदा और बोनस देकर किया गया. आरोप कहते हैं कि कंपनी ने वो टैक्स भी बचाया, जो उसे देना था.

आरोप एलेन वीसेलबर्ग को इस स्कीम का सबसे बड़ा बेनिफिशियरी बताते हैं. कहा गया है कि वीसेलबर्ग को अप्रत्यक्ष और छुपे हुए पेमेंट के तौर पर 17 लाख डॉलर मिले थे, जिससे वो लाखों डॉलर का टैक्स बचा पाए. आरोप के मुताबिक, उन्हें गलत तरीके से 133,000 डॉलर का फेडरल और स्टेट टैक्स रिफंड भी मिला है.

वीसेलबर्ग पर मुफ्त रेंट, अपने और पत्नी के लिए कार और रिश्तेदारों के लिए निजी स्कूल ट्यूशन लेने का भी आरोप है. प्रॉसिक्यूटर्स का कहना है कि कंपनी ने वीसेलबर्ग की न्यू यॉर्क शहर से बाहर रहने का गलत दावा करने में मदद की, जिससे उनका टैक्स भार कम हुआ.

आरोप के मुताबिक, वीसेलबर्ग और कई एग्जीक्यूटिव को ट्रंप संपत्तियों से बोनस दिया गया और इनकम को ऐसे दिखाया गया जैसे वो रेगुलर एम्प्लॉई की बजाय कॉन्ट्रैक्टर हैं. इससे वीसेलबर्ग एक ऐसे पेंशन प्लान में निवेश कर पाए, जो सेल्फ-एम्प्लॉयड लोगों के लिए है. इससे उन्हें लाखों डॉलर कमाने में मदद मिली, जो कि गलत था.
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क्या डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगा?

प्रॉसिक्यूटर्स ने डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप नहीं लगाए हैं. हालांकि, ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन में पूर्व राष्ट्रपति सक्रिय हैं लेकिन आरोप वीसेलबर्ग के अलावा और किसी एम्प्लॉई पर नहीं लगे हैं.

हालांकि, जांच अभी जारी है और प्रॉसिक्यूटर्स, फॉरेंसिक ऑडिटर और एक्सपर्ट्स की टीम ट्रंप के निजी और कॉर्पोरेट टैक्स रिटर्न के लाखों पेज खंगाल रहे हैं.

न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक, प्रॉसिक्यूटर्स जांच कर रहे हैं कि क्या ट्रंप और उनके संगठन ने कंपनी की रियल एस्टेट संपत्ति की वैल्यू से छेड़छाड़ कर लोन और टैक्स फायदा लेने में मदद ली थी. ये सभी वित्तीय अपराध की श्रेणी में आएगा.
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अब आगे क्या होगा?

डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी का दफ्तर महीनों से एलेन वीसेलबर्ग से सहयोग मांग रहा था. हालांकि, वीसेलबर्ग ट्रंप के प्रति वफादारी दिखाते हुए जांच में सहयोग के लिए तैयार नहीं हुए.

उन पर आरोप लगाकर डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी वीसेलबर्ग को अपने पक्ष में कोशिश कर रहे हैं. वीसेलबर्ग के पास अब सहयोग करने के अलावा केस लड़ने का विकल्प बचा है. उन्होंने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया है. लेकिन अगर वो दोषी पाए गए तो स्टेट जेल में सजा काटेंगे.

अब वीसेलबर्ग के जांच में सहयोग करने की आशंका बढ़ गई है. उनके पास ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन को लेकर बहुत जानकारी है, जो कंपनी प्रॉसिक्यूटर्स को नहीं दे रही है.

न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक, प्रॉसिक्यूटर्स वीसेलबर्ग से जानना चाहते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के दिमाग में क्या चल रहा है. क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ बैंकों के साथ फ्रॉड करने, टैक्स फ्रॉड का केस लाने के लिए इरादा साबित करना जरूरी है.

डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी सायरस आर वैंस जूनियर ने कहा है कि ट्रंप पर आरोप लगाने का फैसला वो 31 दिसंबर को पद छोड़ने से पहले करेंगे.

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