अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो वह हाइड्रोक्सीक्लोरीक्वीन दवा खा सकते हैं. उन्होंने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि अभी तक वह अपने डॉक्टरों से इसे उन्हें देने के लिए नहीं कहा है लेकिन वह इसके बारे में उनसे पूछेंगे. ट्रंप का यह बयान उस वक्त आया है जब कोरोनावायरस के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के प्रभावी होने का कोई सबूत नहीं मिला . इसे कोरोनावायरस के मरीजों के लिए सुरक्षित भी नहीं माना जा रहा है.
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर है भारी विवाद
ट्रंप की हर दिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अक्सर मौजूद रहने वाले अमेरिका के टॉप संक्रामक रोग एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के बारे में चेतावनी दी थी और कहा था कि इस दवा से कोरोनावायरस खत्म हो जाता है, इसके कोई सबूत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल की जरूरत है ताकि यह पता चल सके कि यह कोविड-19 मरीजों के लिए सेफ है या नहीं.
फॉसी ने 21 मार्च की एक ब्रीफिंग में कहा था कि इस दवा की जांच चल रही है कि यह सचमुच कोरोनावायरस के मरीजों के लिए सेफ और असरदार है या नहीं.
ट्रंप लगातार करते रहे हैं इस दवा का समर्थन
फॉसी की चेतावनी के बावजूद ट्रंप इस दवा का बार-बार समर्थन करते दिखे हैं. उन्होंने इसे मेडिसिन के इतिहास में सबसे बड़ा गेम चेंजर करार दिया है. शनिवार की ब्रीफिंग में तो उन्होंने यह भी कहा कि गेम चेंजर शब्द भी इसके लिए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर यह दवा कारगर रही तो गेमचेंजर शब्द सही नहीं होगा. यह अच्छा शब्द नहीं है. यह अद्भुत होगा. खूबसूरत होगा. अगर यह कारगर रहती है तो स्वर्ग से भेजा उपहार होगा. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ट्रंप की इस बात की आलोचना की है कि वह एक ऐसी दवा का समर्थन कर रहे हैं, जिसकी भूमिका संदिग्ध है.
ट्रंप का दो बार कोरोना टेस्ट हो चुका है. हालांकि दोनों बार इसका रिजल्ट निगेटिव आया है. इसके बाद यह कहा जा रहा है कि वह रोकथाम लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ले सकते हैं.
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