ईरान में यूक्रेनी विमान को मार गिराए जाने के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया सामने आई है. ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका करीब से इन प्रदर्शनों को देख रहा है. इसके साथ ही उन्होंने ईरान को किसी भी नए 'नरसंहार' के खिलाफ चेतावनी दी है.
ईरान ने 11 जनवरी को यूक्रेनी विमान को ‘मानवीय गलती’ से मार गिराए जाने की बात स्वीकार की थी. जिसके बाद वहां इस घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई के इस्तीफे की मांग की है.
इन प्रदर्शनों के बीच ट्रंप ने फारसी और अंग्रेजी में ट्वीट किए हैं. ट्रंप ने एक ट्वीट में लिखा, ''ईरान के लंबे समय से पीड़ित और बहादुर लोगो, मैं अपनी प्रेसिडेंसी की शुरुआत से ही आपके साथ खड़ा हूं, और मेरा प्रशासन आपके साथ खड़ा रहना जारी रखेगा. हम आपके प्रदर्शनों को करीब से देख रहे हैं और आपके साहस से प्ररित हैं.''
ट्रंप ने दूसरे ट्वीट में लिखा है, ''ईरानी लोगों के मौजूदा प्रदर्शनों पर निगरानी और जमानी तथ्यों को सामने लाने के लिए ईरान की सरकार को मानवाधिकार संगठनों को अनुमति देनी चाहिए. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों का एक और नरसंहार नहीं हो सकता, ना ही इंटरनेट पर रोक लगाई जा सकती है. दुनिया देख रही है.''
बता दें कि यूक्रेनी विमान क्रैश मामले में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने 11 जनवरी को ट्वीट कर कहा था, ''सैन्य बलों की आंतरिक जांच इस खेदजनक नतीजे पर पहुंची है कि मानवीय गलती के चलते छोड़ी गईं मिसाइल यूक्रेनियन विमान के क्रैश और 176 निर्दोष लोगों की मौत का कारण बनीं. इस माफ ना की जा सकने वाली गलती और बड़ी त्रासदी के मामले में जांच जारी है.''
हालांकि ईरान ने कई दिनों तक इस बात से इनकार किया था कि इस विमान को मिसाइल ने मार गिराया था. बता दें कि इस विमान क्रैश में 176 लोगों की जान चली गई थी. यह विमान इराक में अमेरिका की अगुवाई वाली सेनाओं के दो ठिकाने पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल हमले के कुछ घंटों बाद ही 8 जनवरी को क्रैश हुआ था. इस विमान ने तेहरान के इमाम खुमैनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही तेहरान के बाहरी हिस्से में यह विमान क्रैश हो गया था.
न्यूज एजेंसी एपी ने संबंधित अधिकारियों के हवाले से बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव जा रहे इस विमान में सबसे ज्यादा ईरान के ही (82) लोग थे. इसके अलावा विमान में कम से कम 57 लोग कनाडा से और 11 लोग यूक्रेन से थे.
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