संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और फ्रांस (France) ने शुक्रवार, 3 दिसंबर को 19 बिलियन डॉलर के आर्म्स डील पर हस्ताक्षर किए हैं. डील के बाद UAE को 80 राफेल (Rafale) फाइटर जेट और 12 सैन्य हेलीकॉप्टर मिलेंगे.
राफेल जेट की अब तक की सबसे बड़ी विदेशी बिक्री पर मुहर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन की मौजूदगी में लगी जो खाड़ी देशों में अपने दो दिवसीय यात्रा हैं. इस यात्रा के दौरान वह कतर और सऊदी अरब का भी दौरा करेंगे.
इमैनुएल मैक्रोन और क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि
"यह कॉन्ट्रैक्ट एक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है जो पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और सीधे क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देती है."
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक फ्रांसीसी अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि इस डील से सीधे फ्रांस में 7,000 नौकरियों को समर्थन मिलेगा. राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ (Dassault) 2031 के अंत तक सभी विमान की आपूर्ति कर देगी. F4 मॉडल राफेल, जिसको वर्तमान में डेवलप किया जा रहा है, को 2027 से डिलीवर किया जाएगा.
80 राफेल फाइटर जेट को खरीदने के लिए डील करके संयुक्त अरब अमीरात ने अपने खाड़ी प्रतिद्वंद्वी कतर को बैलेंस करने की कोशिश की है , जिसने हाल ही में 36 राफेल विमानों को खरीदा है.
डील के बाद राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ के शेयरों में 9 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गयी है.
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