दुबई में चल रहे COP28 शिखर सम्मेलन (COP 28 Summit) में पीएम मोदी (PM Modi) ने एक बार फिर सभी देशों से वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया है.
पीएम मोदी ने राष्ट्र प्रमुखों के लिए हाई लेवल सेगमेंट के औपचारिक उद्घाटन पर संबोधन दिया. इसमें उन्होंने भारत की भूमिका का उल्लेख किया और साथ ही 2028 में होने वाला COP33 भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा. देखिए पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें...
'भारत की आबादी दुनिया की 17%, लेकिन कार्बन उत्सर्जन 4% से भी कम'
पीएम मोदी ने कार्बन उत्सर्जन कम करने में भारत के योगदान पर बात करते हुए कहा, "आज भारत ने दुनिया के सामने इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है. भारत में दुनिया की 17% आबादी रहती है, इसके बावजूद वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में इसका योगदान 4% से कम है. भारत दुनिया की उन कुछ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो NDC (उत्सर्जन में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है."
'2030 तक उत्सर्जन 45% तक कम करने लक्ष्य'
भारत ने निर्धारित समय सीमा से 11 साल पहले अपने उत्सर्जन लक्ष्य हासिल कर लिए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 2030 तक उत्सर्जन को 45% तक कम करने, गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.
PM मोदी ने कहा...
"मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे द्वारा उठाए गए क्लाइमेट जस्टिस, क्लाइमेट फाइनेंस और ग्रीन क्रेडिट जैसे विषयों को आपने निरंतर समर्थन दिया है. हम सभी के प्रयासों से यह विश्वास बढ़ा है कि विश्व कल्याण के लिए सबके हितों की रक्षा आवश्यक है, सबकी भागीदारी आवश्यक है."
"क्लाइमेट के विषय को लगातार महत्व दिया"
पीएम मोदी ने पर्यावरणीय सुधारों के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करत हुए कहा, "भारत ने अपनी G20 अध्यक्षता में 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' की भावना के साथ क्लाइमेट के विषय को लगातार महत्व दिया है. सस्टेनेबल भविष्य के लिए हमने मिलकर ग्रीन डेवेलपमेंट पैक्ट पर सहमति बनाई. हमने सतत विकास के लिए जीवनशैली के सिद्धांत बनाए और वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा को 3% करने पर प्रतिबद्धता जताई."
भारत में COP 33 की मेजबानी का प्रस्ताव
पीएम मोदी ने 2028 में होने वाले COP33 भारत में आयोजित करना का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, "भारत जलवायु परिवर्तन प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के प्रति प्रतिबद्ध है. इसीलिए इस मंच से, मैं 2028 में भारत में COP33 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखता हूं."
पीएम मोदी ने कहा, "पिछली सदी की गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास ज्यादा समय नहीं है." उन्होंने हर देश से अपने NDA लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से काम करने का आह्वान किया.
'धरती माता अपने भविष्य की रक्षा के लिए हमारी ओर देख रही हैं'
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि धरती माता अपने भविष्य की रक्षा के लिए हमारी ओर देख रही हैं, हमें सफल होना है, हमें निर्णायक बनना है.
पीएम मोदी ने आगे कहा, "आज इस मंच से, मैं एक और प्रो-प्लैनेट, प्रो-एक्टिव और सकारात्मक पहल- ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव का आह्वान करना चाहता हूं."
कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP) एक संस्था है जो जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के कार्यान्वयन की समीक्षा करती है. इसी COP का 28वां सम्मेलन 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक दुबई में हो रहा है.
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