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परमाणु हथियारों से ताकत बढ़ाएगा ब्रिटेन, रूस से खतरे का किया जिक्र

ब्रिटेन की नई सैन्य और विदेश नीति समीक्षा में क्या-क्या कहा गया है?

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ब्रिटेन अपनी सैन्य और विदेश नीति में समीक्षा के तहत, दशक के बीच तक परमाणु हथियारों के भंडार को कम करने की योजना को बदलने के लिए तैयार है. बीबीसी के मुताबिक, ब्रिटेन के न्यूक्लियर वॉरहेड्स की अधिकतम संख्या को अब 260 तक बढ़ाया जाएगा, जिसे 2010 की पिछली योजना के तहत (मौजूदा संख्या करीब 195 से) 180 तक ले जाना था.

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ब्रिटेन अब इंडो-पैसिफिक देशों की तरफ ज्यादा ध्यान देगा, इस क्षेत्र को दुनिया का ‘ग्रोथ इंजन’ बताया गया है.

नई योजना के तहत ब्रिटेन चीन की चुनौतियों से निपटने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन को "विरोधी मूल्यों" वाले देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कला को फिर से सीखना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रिटेन नाटो डिफेंस अलायंस के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा और यूरोप में शांति और सुरक्षा को बनाए रखेगा.

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ब्रिटेन की सैन्य और विदेश नीति की समीक्षा के तहत 2030 तक की प्राथमिकताएं तय की गई हैं. ब्रेग्जिट के बाद सामने आई ताजा समीक्षा में रूस की पहचान ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए “सबसे गंभीर खतरे” के रूप में की गई है. 

इसके साथ ही समीक्षा में कहा गया है,

  • यह आशंका है कि एक आतंकवादी ग्रुप 2030 तक एक सफल रासायनिक, जैविक या परमाणु हमला करेगा.
  • आतंकी हमलों की प्रतिक्रिया में सुधार के लिए ब्रिटेन एक नया आतंकवाद-रोधी अभियान केंद्र स्थापित करेगा.
  • सरकार चाहती है कि दशक के अंत तक ब्रिटेन एक "विज्ञान और तकनीकी महाशक्ति" बन जाए.
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समीक्षा में कहा गया है कि ब्रिटेन को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तरफ अपनी विदेश नीति को फिर से केंद्रित करना चाहिए.

इसमें एशिया के साथ ब्रिटेन के व्यापार को बनाए रखने के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शिपिंग लेन की अहमियत का जिक्र भी किया गया है.

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