यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते तनाव के बीच रूस (Russia) ने एक बार फिर उकसावे वाला कदम उठाया है. शनिवार, 19 फरवरी को रूसी सेना ने न्यूक्लियर ड्रिल की और अपने लेटेस्ट हाइपरसोनिक, क्रूज और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. खास बात है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ क्रेमलिन के सिचुएशन रूम से बैलिस्टिक मिसाइलों के लॉन्च वाले इस सैन्य अभ्यास को देख रहे थे.
ऐसे समय में जब अमेरिका सहित कई पश्चिमी शक्तियां यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका को जता रही हैं, बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करने के बाद रूस ने एक बयान में कहा कि "सभी मिसाइलों ने अपने टारगेट पर निशाना साधा”.
रूस ने यह भी जानकारी दी है कि इस सैन्य अभ्यास में टीयू -95 बॉम्बर्स और पनडुब्बी भी शामिल थे. रूस में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ वालेरी गेरासिमोव ने टेलीविजन पर प्रसारित कमेंट में पुतिन को बताया कि
"इन अभ्यासों का मुख्य उद्देश्य दुश्मन को गारंटीकृत रूप से निशाना बनाने के लिए हमारे सेना के प्रदर्शन को बेहतर करना है."
कमला हैरिस ने रूस को भारी आर्थिक नुकसान की चेतावनी दी
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वह यूक्रेन पर और आक्रमण करता है तो अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ रूस पर बड़े और "अभूतपूर्व" आर्थिक लागत को थोपेगा.
अमेरिका में नंबर 2 कमला हैरिस ने कहा कि "हमने आर्थिक उपाय तैयार किए हैं जो तेज, गंभीर और एकजुट होंगे…हम रूस के वित्तीय संस्थानों और प्रमुख उद्योगों को टारगेट करेंगे."
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक दिन पहले ही 18 फरवरी को कहा था कि वो "आश्वस्त" हैं कि व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण करने का फैसला कर लिया है. बाइडेन ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में ऐसा हमला हो सकता है.
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