रूस (Russia) द्वारा यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण के बीच शेयर बाजार का हाल बुरा है फिर वह भारत का हो या रूस का. सोमवार, 28 फरवरी को रूसी रूबल डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) ने जब से न्यूकलियर फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखने के बाद, निवेशक अमेरिकी डॉलर और येन जैसी सेफ करंसी में निवेश कर रहे और रूल गिर रहा है.
अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, जापान, कैनेडा और ऑस्ट्रेलिया ने हाल के दिनों में पुतिन द्वारा कीव पर हमले करने के बीच रूस को दंडित करने के लिए प्रतिबंधों की घोषणा की है.
प्रतिबधों की बात करें तो कई देशों ने बैंकों को लेकर कार्रवाई की है, रूस के मीडिया के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाना और यूरोपीय हवाई क्षेत्र से रूसी उड़ानों को प्रतिबंधित करना शामिल हैं.
रूबल 119 प्रति डॉलर पर आ गया है और लगभग 29% नीचे गर कर 118 पर आ गया.
इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस के मुख्य अर्थशास्त्री टिम हार्कोर्ट ने अलजजीरा को बताया कि, "एक बार व्लादिवोस्तोक में कारोबार खुलने के बाद दुनिया में कोई भी रूस के रूबल को नहीं खरीदना चाहेगा यहां तक की खुद रूस का सेंट्रल बैंक भी."
अलजजीरा के अनुसार एक एक्सपर्ट ने कहा, "यूक्रेन की स्थिति अस्थिर है और इसलिए बाजार की भावना भी." उनका मानना है कि आगे चलकर ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड डॉलर की स्थिति बिगड़ सकती है.
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