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यूक्रेन संकट के बीच पुतिन से मिलने को तैयार बाइडेन, लेकिन एक शर्त पर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक समिट में हिस्सा ले सकते हैं.

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यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खतरे के बीच, यूरोप और अमेरिका लगातार इसे टालने की कोशिशों में लगे हैं. इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक समिट में हिस्सा ले सकते हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने यूक्रेन संकट पर दोनों देशों के राष्ट्रपति को समिट में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है.

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व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अगर आक्रमण नहीं होता है, तो बाइडेन इस समिट में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं. प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने बयान में कहा, "हम डिप्लोमेसी के लिए हमेशा तैयार हैं. अगर रूस, युद्ध चुनता है, तो हम तीव्र और गंभीर परिणाम थोपने के लिए भी तैयार हैं."

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, एलिजे पैलेस की तरफ से जानकारी दी गई, "राष्ट्रपति बाइडेन और पुतिन ने समिट के लिए निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. ये तभी होगा, अगर रूस, यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करेगा तो."

मैक्रों के इस समिट में यूरोप में सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर चर्चा की जाएगी और संबंधित हितधारकों को शामिल किया जाएगा.

मैक्रों और पुतिन के बीच हुई लंबी बात

20 फरवरी को इमैनुअल मैक्रों ने व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की और उन्हें समिट के लिए राजी किया. दोनों नेताओं ने फोन पर 105 मिनट तक बात की. ये बातचीत इस साल की शुरुआत के बाद से दोनों नेताओं के बीच पांचवीं बार थी.

इसी बीच, उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन से भी इस मामले पर बात की.

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भारत ने फिर जारी की एडवाइजरी

कीव में भारतीय दूतावास ने दूसरी बार अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए सभी को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है. भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में भारी तनाव को लेकर चेतावनी देते हुए वहां रह रहे सभी भारतीय स्टूडेंट्स और नागरिकों से कहा है कि वो यूक्रेन छोड़ दें.

रिपोर्ट्स हैं कि भारतीय दूतावास में काम करने वाले अधिकारियों को भी वापस भारत लौटने के लिए कहा गया है.

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